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विभु मिश्रा
मथुरा। धार्मिक नगर वृन्दावन इन दिनों एक बड़े सामाजिक और भावनात्मक आंदोलन का गवाह बन रहा है। बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर के प्रस्तावित निर्माण ने भक्तों, स्थानीय निवासियों और व्यापारियों को एकजुट कर दिया है, और उनका विरोध लगातार तेज हो रहा है। तेज बारिश भी उनके दृढ़ संकल्प को डिगा नहीं पा रही है, जो इस मुद्दे पर लोगों की गहरी भावनाओं को दर्शाता है।
वृंदावन की गलियों में 'कॉरिडोर हाय-हाय' की गूँज
बांके बिहारी मंदिर से शुरू होकर स्नेह बिहारी और राधावल्लभ मंदिरों से होते हुए वृंदावन की संकरी कुंज गलियों तक, "कॉरिडोर हाय हाय" के नारों से पूरा वातावरण गूँज उठा। यह सिर्फ एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि सदियों पुरानी परंपराओं, आस्था और पहचान को बचाने की एक सशक्त पुकार है। गोस्वामी समाज, स्थानीय निवासी और व्यापारी बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं, उनका मानना है कि यह परियोजना केवल एक निर्माण नहीं, बल्कि उनकी सांस्कृतिक विरासत और आराध्य के स्वरूप पर सीधा प्रहार है। वे आरोप लगा रहे हैं कि यह विकास के नाम पर उनकी आस्था को चुनौती दे रहा है।
भाजपा में भी असंतोष: पूर्व जिलाध्यक्ष ने उठाई आवाज
इस विवाद ने अब भाजपा के अंदर भी असंतोष पैदा कर दिया है। पार्टी की पूर्व जिलाध्यक्ष मधु शर्मा ने खुलकर प्रदर्शनकारियों का समर्थन किया है और अपनी ही पार्टी की सांसद पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने तीखे शब्दों में कहा कि यह दुखद है कि उनके रहते हुए गोस्वामी समाज की महिलाओं को अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए विशेष तरीके से पत्र लिखने पड़े। मधु शर्मा ने सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे मथुरा के "भ्रष्ट अधिकारियों को दरकिनार कर" स्वयं वृंदावन आएं और गोस्वामियों से बातचीत करें। उनका आरोप है कि अधिकारी पूरी और सही जानकारी नहीं दे रहे हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
आस्था बनाम प्रस्तावित विकास: क्या निकलेगा रास्ता?
यह मामला अब केवल एक निर्माण परियोजना तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि आस्था, परंपरा और प्रस्तावित विकास के बीच एक बड़े टकराव में बदल गया है। बांके बिहारी मंदिर के सेवारत रजत गोस्वामी, भाजपा की पूर्व जिलाध्यक्ष मधु शर्मा और मंदिर सेवारत की पत्नी नीलम गोस्वामी जैसे प्रमुख आवाजों ने इस आंदोलन को और भी मज़बूत किया है। उनकी बाइट्स ने इस मुद्दे की संवेदनशीलता को दर्शाया है। क्या सरकार इस जन भावना को समझेगी और एक ऐसा समाधान निकालेगी जो वृंदावन की पवित्रता और उसके लोगों की भावनाओं का सम्मान करे, या यह विवाद एक लंबे संघर्ष का रूप लेगा? यह देखना बाकी है।
Banke Bihari Temple Protest
Cultural Preservation Movement
Goswami Samaj Agitation
Madhusudan Sharma
Mathura Corridor Controversy
Temple Heritage Protection
Vrindavan Development Dispute
Yogi Adityanath
स्थान:
India
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