- Get link
- X
- Other Apps
- Get link
- X
- Other Apps
विभु मिश्रा
पीपलसाना। साहित्यिक संस्था बज़्मे सुखन ने फ़राज़ अकादमी, पीपलसाना में एक भव्य 'ऑल इंडिया मुशायरे' का सफल आयोजन किया, जिसमें देश के कोने-कोने से आए नामचीन कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं से महफ़िल में चार चाँद लगा दिए। इस भावपूर्ण कार्यक्रम का आगाज़ पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित कर किया गया, जिसने उपस्थित सभी लोगों को भावुक कर दिया।
शमा रोशन और नात से हुई मुशायरे की शुरुआत
मुशायरे की शुरुआत हाजी अमीर हुसैन द्वारा शमा रोशन करने के साथ हुई, जिसके बाद शायर नूर कादरी ने अपनी मनमोहक नात प्रस्तुत कर कार्यक्रम को विधिवत रूप से आरंभ किया। इसके पश्चात् काव्य पाठ का दौर शुरू हुआ, जिसमें एक से बढ़कर एक शायरों ने अपनी बेहतरीन शायरी से श्रोताओं का मन मोह लिया।
शायरों ने बिखेरी अपनी कलम की चमक
इस अवसर पर कई युवा और वरिष्ठ शायरों ने अपनी अनूठी शैली में काव्य पाठ किया:
युवा शायर शुभम कश्यप ने रिश्तों की संवेदनशीलता को दर्शाते हुए पढ़ा:
"किसी का चाहने वाला किसी से दूर न हो, मुहब्बतों में हलाला हराम होता है।"
मनोज वर्मा 'मनु' ने जीवन के गूढ़ रहस्यों को उजागर करते हुए कहा:
"ज़मीं पे पांव फलक पे निगाह याद रहे, मियां बुजुर्गो की ये भी सलाह याद रहे।"
शायर मुरसलीम जख्मी ने अपनी ओजस्वी पंक्तियों से जोश भर दिया:
"सर कटाना तो हम जानते हैं, सर झुकाने की आदत नहीं है।"
हापुड़ से आए अशोक साहिब ने इंसानियत और देशप्रेम का संदेश दिया:
"आदमी को हर कदम इंसान होना चाहिए, सबके दिल में प्यारा हिंदुस्तान चाहिए।"
काशीपुर से आए इरफान हमीद काशीपुरी ने अपनी शायरी में गहराई उकेरी:
"ये ही किस्मत में था शायद की सरे शीश महल, एक दिन संग ब कफ आईना गर आने थे।"
आगरा से आए प्रोफेसर मुहम्मद हुसैन दिलकश ने संघर्ष और सपनों को बखूबी बयां किया:
"लहू की किस्त चुकाई है मुद्दतों साहिब, हमारी आंखों ने जब जब ये ख्वाब देखे हैं।"
शायर नफीस पाशा ने महफ़िल में अपनी अनूठी छाप छोड़ी:
"महफ़िल में ये कमाल तुझे देखके हुआ, दस्ते हसीं हलाल तुझे देखके हुआ।"
सहील भोजपुरी ने रिश्तों की बारीकियों को उजागर किया:
"किसी का राज न खुल जाए रोशनी में कहीं, कभी कभी तो दियों को बुझाना पड़ता है।"
डॉक्टर आज़म बुराक़ ने अपनी शायरी में न्याय और सच्चाई का संदेश दिया:
"इल्ज़ाम मेरे वास्ते पहले से ही तय थे, किरदार अभी मैंने निभाया भी नहीं था।"
फरहत अली फरहत ने प्रेम और स्वीकार्यता की बात कही:
"हम ने गुलशन से नहीं कोई शिकायत की है, फूल तो फूल हैं कांटों से मुहब्बत की है।"
सैफ उर रहमान ने अपनी दोस्ती और खुशी के लम्हों को साझा किया:
"यूं भी तमाम दोस्तों का दिल बड़ा रहा, मैं कहकहे लगाने की जिद पर अड़ा रहा।"
माईल भोजपुरी ने जीवन के अर्थ की तलाश को बयां किया:
"तकमीले ज़िंदगी का पता ढूंढते रहे, हम उम्र भर फना में बका ढूंढते रहे।"
करीम मुरादाबादी ने भावनाओं की गहराई को छूते हुए पढ़ा:
"हसरतों के सुपुर्द ग़म करके, घर में बैठा हूँ आँखें नम करके।"
वरिष्ठ शायर तहसीन मुरादाबादी ने अपने आध्यात्मिक भावों को व्यक्त किया:
"ए खुदा मस्जिदे अक्सा की हिफाजत करना, ये दुआ करते हुए आंखों में नमी आई है।"
उस्ताद शायर बिस्मिल भोजपुरी ने अपनी रचना से करुणा और विश्वास जगाया:
"करम की आस लिए बेकरार आए हैं, तेरे दयार पे ये दिल फिगार आए हैं।"
शायर नूर कादरी ने फिर एक बार रोशनी और आशा का संदेश दिया:
"बामो-दर पे छा जाए रोशनी चिराग़ों की, आज फिर जरूरत है ऐसे ही चिरागों की।"
दावर मुरादाबादी ने सुबह की ख़ूबसूरती को अपनी शायरी में पिरोया:
"बादे-सबा से सूरज की फिर पहली किरन से यह बोला, शब का मुसाफिर फूलों पर फिर अपनी शबनम भूल गया।"
नगीना से आए रईस अहमद राज़ नगीनवी ने रिश्तों की अहमियत बताई:
"फासला दिल से मिटाना अब जरूरी हो गया, रूठे भाई को मनाना अब जरूरी हो गया।"
बिजनौर से आए अक़ीमुद्दीन बिजनौरी ने अपनी शायरी में प्यार और यादों का ज़िक्र किया:
"मेरी आंख के आंसू तुम संभाल कर रखना, यह मेरी मुहब्बत की आखरी निशानी हैं।"
संचालन कर रहे शायर सरफराज हुसैन फ़राज़ ने अपनी शायरी से दर्शकों का दिल जीत लिया:
"शर्म ओ हया से और न पास ए हिजाब से, पहुंची है दिल को चोट तुम्हारे जवाब से।"
जुबैर मुरादाबादी ने अपनी रहस्यमयी पंक्तियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया:
"सदियों का रतजगा मिरी आंखों को सौंप कर, चुपचाप चल दिया है वो इक अजनबी के साथ।"
अध्यक्षीय भाषण और धन्यवाद ज्ञापन
मुशायरे की अध्यक्षता कर रहे सय्यद गुफ़रान राशिद ने अपने विचार साझा करते हुए पढ़ा:
"तेरे ग़मों से ख़ुशियों के पहलू खंगाल के, मुश्किल को आ गया हूं मैं मुश्किल में डाल के।"
कार्यक्रम का समापन संयोजिका रिज़वाना नरगिस द्वारा सभी उपस्थित लोगों, कवियों, शायरों और आयोजकों को धन्यवाद ज्ञापित करने के साथ हुआ। यह मुशायरा साहित्यिक प्रेमियों के लिए एक यादगार शाम साबित हुआ।
Location:
India
- Get link
- X
- Other Apps
Comments
Post a Comment