गाजियाबाद को मिले सख्त और संवेदनशील डीएम रविन्द्र मंडर, अब दिखेगा तेज़ फैसलों का असर

विभु मिश्रा

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक फेरबदल के तहत 2013 बैच के आईएएस अधिकारी रवींद्र कुमार मंडर को गाजियाबाद का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया है। प्रयागराज के डीएम के रूप में अपनी प्रभावशाली पारी के बाद अब मंडर को NCR के इस संवेदनशील और व्यस्त जिले की बागडोर सौंपी गई है।

प्रयागराज से गाजियाबाद तक का सफर

रवींद्र कुमार मंडर ने 14 सितंबर 2024 को प्रयागराज के डीएम के रूप में कार्यभार संभाला था और 28 जुलाई 2025 तक जिले में रहे। इस अवधि में उन्होंने पंचायत राज विभाग की शिकायतों पर त्वरित जांच बैठाकर प्रशासनिक सक्रियता का परिचय दिया। इससे पहले वे रामपुर, जौनपुर, और मथुरा जैसे ज़िलों में भी बतौर डीएम और नगर आयुक्त के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। उनकी कार्यशैली में तेज़ी, पारदर्शिता और जवाबदेही प्रमुख विशेषताएं रही हैं।

रामपुर का ‘मिशन समर्थ’

रामपुर में डीएम रहते हुए उन्होंने ‘मिशन समर्थ’ के तहत 61 दिव्यांग बच्चों की मुफ्त सर्जरी कराई। वहीं, सरकारी आवास योजनाओं में लापरवाही बरतने पर ग्राम प्रधानों और सचिवों से खुद ही घर बनवाने को कहा। यह निर्णय न सिर्फ सख्त था बल्कि संवेदनशील प्रशासन का परिचायक भी बना। इस पहल की राज्यभर में सराहना हुई और उन्हें जनहित कार्यों का एक मिसाल माना गया।

विवाद और चर्चा

जौनपुर में ईवीएम से भरे मिनी‑ट्रक के मामले में वे विवादों में आए, जब मतदान प्रक्रिया के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठे। इसके अलावा, प्रयागराज में UPPSC अभ्यर्थियों के प्रदर्शन से सख्ती से निपटने के कारण उन पर आलोचना भी हुई, हालांकि प्रशासनिक संतुलन बनाए रखने की उनकी भूमिका को शासन ने सराहा। ऐसे मामलों में भी उनकी छवि एक निर्णयशील और निडर अधिकारी की बनी रही।

गाजियाबाद में क्या हैं उम्मीदें?

गाजियाबाद NCR का प्रमुख जिला है, जहां जनसंख्या घनत्व, कानून-व्यवस्था, अतिक्रमण, ट्रैफिक और रियल एस्टेट से जुड़े मुद्दे अक्सर चर्चा में रहते हैं। मंडर जैसे प्रशासनिक अधिकारी की तैनाती से न सिर्फ बेहतर नियंत्रण की उम्मीद है, बल्कि योजनाओं की प्रभावी निगरानी और पारदर्शी क्रियान्वयन की भी आस जगी है। आमजन से संवाद में दक्षता उनकी एक बड़ी ताकत मानी जाती है।

रवींद्र मंडर: प्रोफाइल एक नज़र में

जन्म: 27 दिसंबर 1988, जयपुर (राजस्थान)

शिक्षा: बी.ए.

IAS चयन: वर्ष 2013

सेवा में पुष्टि: 3 सितंबर 2015

पूर्व तैनाती: फिरोजाबाद (संयुक्त मजिस्ट्रेट), आगरा (CDO), मथुरा-वृंदावन (नगर आयुक्त), रामपुर, जौनपुर, प्रयागराज (डीएम)






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