उत्तराखंड में फिर कुदरत का कहर: रुद्रप्रयाग और चमोली में बादल फटने से तबाही, दो लापता



विभु मिश्रा

उत्तराखंड। यहां के पहाड़ लगातार बारिश और आपदाओं से जूझ रहे हैं। रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों में देर रात बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। कई घरों में मलबा भर गया, सड़कें बंद हो गईं और नदियां खतरे के निशान से ऊपर बहने लगीं। चमोली में एक दंपती लापता है, जबकि कई लोग घायल हैं।

चमोली: मलबे में दबे घर

देवाल तहसील के मोपाटा गांव में बादल फटने से पहाड़ से आया मलबा सीधे बस्ती में घुस गया। तारा सिंह और उनकी पत्नी लापता बताए जा रहे हैं, जबकि विक्रम सिंह और उनकी पत्नी घायल हुए हैं। कई मवेशियों के मलबे में दबने की भी सूचना है। प्रशासन की टीमें जेसीबी मशीनों से मलबा हटाने में जुटी हैं। भारी बारिश से ज्योर्तिमठ, थराली, गैरसैंण और कर्णप्रयाग क्षेत्रों में नदी-नाले उफान पर हैं।

रुद्रप्रयाग: नदी-नाले बहे, पुल टूटा

बसुकेदार क्षेत्र में बादल फटने से अलकनंदा और मंदाकिनी का जलस्तर तेजी से बढ़ा। कई घर और दुकानें जलमग्न हो गए। केदारघाटी में एक पुल बह गया, जिससे छेनागाड़ क्षेत्र का संपर्क कट गया। गौरीकुंड-रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन हुआ और कई वाहन फंसे रहे। बारिश इतनी तेज है कि लोग रातों-रात अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए।

राहत और बचाव में जुटा प्रशासन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग और जिला प्रशासन को हर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कई राष्ट्रीय राजमार्ग जैसे नंदप्रयाग, बनेरपानी, गुलाबकोटी और जिलासू के पास अब भी बंद हैं। मौसम विभाग ने चमोली, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

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