"तौबा-रे-तौबा" हल्की बारिश में ही 'राजनगर एक्सटेंशन' का ये हाल

विभु मिश्रा

गाज़ियाबाद। सबसे हाई-प्रोफाइल कहे जाने वाले इलाके राजनगर एक्सटेंशन की असलियत पहली ही बारिश में सामने आ गई। यहां की सड़कों पर पानी भर गया, गलियों में गंदगी फैल गई और लोगों का जीना मुश्किल हो गया। यह हाल तब है जब बारिश नाम मात्र की हुई।

गली नहीं, जलभराव से बनी 'वॉटर स्लाइड'

स्थानीय सोसायटीवासी इन हालातों से परेशान हैं। उनका कहना है कि बारिश हो या न हो, गलियों में हमेशा पानी भरा रहता है। नालियां जाम हैं, सीवरेज बह रहा है और टूटी सड़कों से निकलना किसी जंग जीतने जैसा हो गया है। सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें सड़कें किसी छोटे तालाब जैसी नज़र आ रही हैं।

विकास सिर्फ बिल्डिंग तक, बुनियादी ढांचे का बुरा हाल

राजनगर एक्सटेंशन को कभी 'आधुनिक गाज़ियाबाद' के तौर पर प्रचारित किया गया था। आज वहां सिर्फ गगनचुंबी इमारतें हैं, लेकिन सुविधाओं का ढांचा पूरी तरह चरमराया हुआ है। न सीवरेज की सफाई, न कचरा प्रबंधन, और न ही जलनिकासी की कोई ठोस व्यवस्था। लोगों को अब लगता है कि उनका भरोसा ठगा गया है।

सोशल मीडिया बना जनआवाज़ का ज़रिया

वासियों ने अब अपने गुस्से को सोशल मीडिया के ज़रिए सामने लाना शुरू कर दिया है। इंस्टाग्राम, फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप्स में फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं। इन पोस्ट्स में दिख रहा है कि कैसे महंगी सोसायटीज़ में रहने वाले लोग भी अब नारकीय हालात झेलने को मजबूर हैं।





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