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विभु मिश्रा
उत्तराखंड। उत्तरकाशी जिले में रविवार रात एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपाया। बलिगढ़ इलाके में बादल फटने से एक निर्माणाधीन होटल तबाह हो गया, जिसमें काम कर रहे आठ मजदूर लापता हो गए। इस हादसे से पूरे इलाके में दहशत फैल गई है, वहीं प्रशासन राहत व बचाव कार्य में जुट गया है।
रात के अंधेरे में तबाही
बताया जा रहा है कि यह हादसा देर रात बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग पर हुआ, जब अचानक बादल फटा और तेज बारिश के साथ भारी मलबा होटल निर्माण स्थल पर आ गिरा। मौके पर मौजूद मजदूरों को संभलने का मौका तक नहीं मिला। इस घटना में होटल को भी भारी क्षति पहुंची है। लापता मजदूरों की तलाश के लिए एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें मौके पर डटी हैं। सर्च ऑपरेशन जारी है लेकिन मलबा अधिक होने के कारण राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है।
तीर्थ मार्गों पर पड़ा असर
इस प्राकृतिक आपदा का असर तीर्थयात्रियों पर भी पड़ा है। केदारनाथ और यमुनोत्री यात्रा मार्गों को एहतियातन बंद कर दिया गया है। सोनप्रयाग-मुनकटिया मार्ग पर भूस्खलन और मलबा गिरने के कारण यातायात रोकना पड़ा है। केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को सोनप्रयाग और गौरीकुंड में अस्थायी रूप से रोका गया है। यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड के पास दो से तीन जगह मलबा जमा हो गया है, जिससे आवाजाही पूरी तरह बंद है। इसके अलावा स्यानाचट्टी के पास एक नाले में मलबा जमा होने से यमुना नदी का प्रवाह भी प्रभावित हुआ है, जिससे निचले इलाकों के होटल और रिहायशी इलाकों को खतरा पैदा हो गया है।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट, बढ़ा खतरा
भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने राज्य में भारी से बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। रविवार और सोमवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। देहरादून, चमोली, पौड़ी और रुद्रप्रयाग समेत कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ते जा रहे हैं। पहाड़ी रास्तों पर भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे कई संपर्क मार्ग बंद हो गए हैं। प्रशासन ने नदी किनारे रहने वाले लोगों से सतर्क रहने की अपील की है और पहाड़ी क्षेत्रों में गैर-जरूरी यात्रा न करने की सलाह दी है।
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