अंतरिक्ष में भारत का नया अध्याय: शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास, सफर पर हुए रवाना

विभु मिश्रा

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान के इतिहास में आज एक स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी है, जो न केवल उनके लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक अविस्मरणीय क्षण है। यह मिशन भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम, गगनयान के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

शुभांशु शुक्ला की गौरवमयी उड़ान

एक्सिओम-4 मिशन की लॉन्चिंग फ्लोरिडा, अमेरिका में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से हुई, जहाँ शुभांशु के माता-पिता की आँखों में गर्व और खुशी के आँसू थे। शुभांशु ने खुद अपनी इस यात्रा को "अद्भुत सफर" बताया, जहाँ वे 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। उनके कंधों पर लहराता तिरंगा उन्हें देशवासियों से जुड़ाव का एहसास करा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनकी यात्रा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की एक महत्वपूर्ण शुरुआत है। उन्होंने पूरे देश को इस ऐतिहासिक सफर का हिस्सा बनने का आह्वान किया। 

देश में जश्न का माहौल

शुभांशु शुक्ला की इस उपलब्धि पर देशभर में जश्न का माहौल है। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के गवर्नर फ्रांसेस एडमसन ए.सी. सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से इस ऐतिहासिक प्रक्षेपण पर अपनी खुशी व्यक्त की। शुभांशु की बहनें, शुचि मिश्रा और निधि मिश्रा ने इसे पूरे देश के लिए "वास्तव में गर्व का क्षण" बताया। उन्होंने शुभांशु के समर्पण और कड़ी मेहनत की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि वह अपना मिशन सफलतापूर्वक और सुरक्षित रूप से पूरा करेंगे। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी शुभांशु और उनके परिवार को बधाई देते हुए इसे अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया अध्याय बताया।

गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण कदम

शुक्ला का एक्सिओम-4 मिशन पर अनुभव भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान अंतरिक्ष उड़ान मिशन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित होगा। इसरो इस मिशन पर ₹550 करोड़ खर्च कर रहा है, जो भविष्य के मानव अंतरिक्ष अभियानों के लिए महत्वपूर्ण डेटा और अनुभव प्रदान करेगा। शुभांशु की यह यात्रा गगनयान के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी, जिससे भारत अंतरिक्ष में अपनी मानव उपस्थिति को और मजबूत कर पाएगा। यह मिशन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भविष्य के दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।










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