अंकों का जुनून, क्रूरता की हद: NEET मॉक टेस्ट में 92% लाने पर भी पिता ने मार डाली बेटी



विभु मिश्रा

महाराष्ट्र। एक पिता का अपनी बेटी से अपेक्षा रखना स्वाभाविक है, लेकिन जब ये अपेक्षाएं क्रूरता की हद पार कर जाएं, तो परिणाम दिल दहला देने वाले होते हैं। महाराष्ट्र के सांगली जिले से एक ऐसी ही मार्मिक घटना सामने आई है, जहां एक प्रिंसिपल पिता ने NEET के मॉक टेस्ट में 92% अंक लाने के बावजूद अपनी होनहार बेटी की पीट-पीटकर जान ले ली। यह घटना न केवल स्तब्ध करती है, बल्कि माता-पिता की अत्यधिक अपेक्षाओं और उनके अमानवीय परिणामों पर गंभीर सवाल उठाती है।

एक होनहार छात्रा का दुखद अंत

साधना भोंसले, 17 वर्षीय एक उज्ज्वल छात्रा थी, जिसके सपने आसमान छू रहे थे। वह पिछले एक साल से मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी में जुटी थी। 10वीं बोर्ड में 92.60% जैसे शानदार अंक हासिल कर चुकी साधना अपनी पढ़ाई के प्रति पूरी तरह समर्पित थी। उसका लक्ष्य डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करना था, और वह इस सपने को साकार करने के लिए दिन-रात एक कर रही थी। लेकिन, उसके पिता, थोंडीराम भोंसले, जो स्वयं एक स्कूल प्रिंसिपल थे, की अपेक्षाएं इतनी विकराल थीं कि 92% अंक भी उन्हें कम लगे।

हैवान पिता की क्रूरता 

जिस दिन साधना ने मॉक टेस्ट दिया, उस दिन उसे शायद ही पता होगा कि ये उसके जीवन का अंतिम दिन साबित होगा। टेस्ट में 92% अंक आने के बावजूद, थोंडीराम का गुस्सा इतना भड़क उठा कि उन्होंने डंडे से साधना को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। इस बर्बर पिटाई से साधना के सिर में गंभीर चोटें आईं और उसे तत्काल उषाकल अस्पताल में भर्ती कराया गया। घंटों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद, साधना ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया। इस घटना ने पूरे समाज को हिलाकर रख दिया है।

मां की शिकायत पर गिरफ्तारी 

साधना की मां ने 22 जून को स्थानीय पुलिस थाने में अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी धोंडीराम भोंसले को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। यह घटना हर उस परिवार के लिए एक चेतावनी है, जहां बच्चों पर अत्यधिक अकादमिक दबाव डाला जाता है। साधना की कहानी हमें याद दिलाती है कि बच्चों का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण है, और अपेक्षाओं का बोझ कभी भी उनके जीवन से बड़ा नहीं होना चाहिए। इस मामले की गहन जांच जारी है, और उम्मीद है कि साधना को न्याय मिलेगा।



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