RBI ने क्यों वापस मंगवाया विदेशों से इतना सोना? क्या देश में सस्ता होने जा रहा गोल्ड?

कुमुद मिश्रा

नई दिल्ली। क्या भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक खेला है? जी हाँ, ऐसा ही कुछ लग रहा है! वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक RBI ने विदेश से 100.32 मीट्रिक टन सोना भारत वापस मंगवाया है। यह कोई छोटा-मोटा कदम नहीं है, बल्कि दुनिया भर में बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल के बीच लिया गया एक बेहद रणनीतिक फैसला है। ज़रा सोचिए, जब दुनिया भर के केंद्रीय बैंक अपनी सबसे कीमती चीज़, सोने को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो RBI ने इसे भारत लाकर आखिर क्या संदेश दिया है? कहीं इससे देश में सोने की कीमतें कंट्रोल करने में मदद मिलेगी?

RBI की तिजोरी में बढ़ा खजाना

आरबीआई के पास अब सोने का कुल भंडार 879.58 मीट्रिक टन हो गया है, जो पिछले साल 822.10 मीट्रिक टन था। यानी, सिर्फ एक साल में 57.48 मीट्रिक टन सोने का इजाफा! इसमें से करीब 311.38 मीट्रिक टन सोना 'इश्यू डिपार्टमेंट' में है, जबकि बाकी 568.20 मीट्रिक टन 'बैंकिंग डिपार्टमेंट' में दर्ज है। इस कदम से भारत के अंदर मौजूद सोने की मात्रा बढ़कर 200.06 मीट्रिक टन हो गई है, जबकि विदेशों में रखा सोना घटकर 367.60 मीट्रिक टन रह गया है। यह साफ दिखाता है कि RBI अब अपने सोने को अपनी धरती पर रखना ज़्यादा सुरक्षित मान रहा है।

किन देशों से लौटा सोना और क्यों?

अब आप सोच रहे होंगे कि हमारा सोना किन देशों में रखा था? तो बता दें, भारत का ज़्यादातर विदेशी सोना लंदन के बैंक ऑफ इंग्लैंड में सुरक्षित था। इसके अलावा, कुछ हिस्सा स्विट्जरलैंड के बासेल शहर में मौजूद बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट (BIS) और अमेरिका के फेडरल रिज़र्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क में भी जमा था। RBI ने ये सोना वापस क्यों मंगवाया? इसका सीधा जवाब है जोखिम कम करना! विदेशों में सोना रखने से ट्रेड या बाकी काम तो आसान होते हैं, लेकिन अगर कहीं युद्ध या कोई बड़ा भू-राजनीतिक संकट आ जाए, तो ये सोना खतरे में पड़ सकता है। शायद यही वजह है कि RBI ने देश की सुरक्षा और अपनी संपत्ति की हिफ़ाज़त को प्राथमिकता दी है।

सोने की बढ़ी चमक और आम आदमी को फायदा

एक और दिलचस्प बात ये है कि RBI के बैंकिंग डिपार्टमेंट के पास जो सोना है, उसकी कीमत पिछले एक साल में 57.12% बढ़ गई है! 31 मार्च 2024 को इसकी कीमत 2,74,714.27 करोड़ रुपये थी, जो 31 मार्च 2025 तक बढ़कर 4,31,624.80 करोड़ रुपये हो गई है। इस उछाल की तीन मुख्य वजहें हैं: RBI की सोने की नई खरीद, ग्लोबल मार्केट में बढ़ती कीमतें, और भारतीय रुपये की वैल्यू में गिरावट। अब सबसे बड़ा सवाल: क्या इससे हम आम लोगों को फायदा होगा? बिल्कुल! जब देश में ज़्यादा सोना होगा, तो ज़रूरत पड़ने पर RBI बाज़ार में इसकी सप्लाई बढ़ाकर सोने की कीमतों को कंट्रोल कर सकता है। इससे निवेशकों और उन लोगों को सीधा फायदा मिलेगा जो सोना खरीदने का प्लान बना रहे हैं। तो क्या अब सोने के भाव कुछ नरम पड़ेंगे? यह तो वक्त ही बताएगा!




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