हाईवे पर खौफ का पर्याय बने 'साइको किलर' संदीप का अंत, STF से मुठभेड़ में ढेर

विभु मिश्रा

बागपत। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात साइको किलर और लुटेरे संदीप को बागपत में एक मुठभेड़ के दौरान मार गिराया है। हरियाणा के रोहतक का रहने वाला संदीप, कानपुर में हुई 4 करोड़ रुपये की निकल प्लेट लूट का मुख्य मास्टरमाइंड था और उस पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वह हाईवे पर ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर लूटपाट करने के लिए कुख्यात था, और पिछले एक दशक से भी अधिक समय से अपराध की दुनिया में सक्रिय था।

बेटी की मौत का बदला और हाईवे पर आतंक

संदीप का आपराधिक इतिहास जानकर हर कोई स्तब्ध रह जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2013 में एक सड़क हादसे में अपनी बेटी की मौत के बाद संदीप का मानसिक संतुलन बिगड़ गया था। वह इस हादसे के लिए ट्रक ड्राइवरों को जिम्मेदार मानने लगा था और तभी से उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। पहलवान रह चुका संदीप, ट्रक ड्राइवरों से दोस्ती करता, उन्हें सुनसान हाईवे पर बुलाता और फिर बेरहमी से उनकी हत्या कर देता। इसके बाद वह माल से लदे ट्रकों को बेच देता था। पुलिस के रिकॉर्ड बताते हैं कि उसने कम से कम चार ट्रक ड्राइवरों की हत्या की थी और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और महाराष्ट्र सहित चार राज्यों में उसके खिलाफ 16 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे, जिनमें लूट, डकैती और हत्या शामिल हैं। वह हाईवे पर ट्रक ड्राइवरों के लिए दहशत का दूसरा नाम बन चुका था, जिसने उसे 'डार्क साइको किलर' की कुख्यात पहचान दी।

कानपुर की 4 करोड़ की निकल प्लेट लूट

वर्ष 2025 में कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र से 4 करोड़ रुपये की निकल प्लेट से भरे ट्रक की सनसनीखेज लूट ने एसटीएफ को संदीप के पीछे लगा दिया था। यह एक बड़ी वारदात थी, जिसने पूरे राज्य में हलचल मचा दी। इस घटना के बाद एसटीएफ ने संदीप को बिहार और उत्तर प्रदेश में 1 लाख रुपये का इनामी बदमाश घोषित किया। वह लगातार अपनी पहचान बदलकर पुलिस से बचता फिर रहा था, लेकिन एसटीएफ की टीमें लगातार उसकी गतिविधियों पर नजर रख रही थीं। कानपुर से लूटी गई निकल प्लेट्स को हरियाणा के हिसार में बरामद किया गया था, और इस मामले में कुछ अन्य आरोपी पहले ही पकड़े जा चुके थे।

घातक मुठभेड़ और गैंग का खुलासा

रविवार देर रात एसटीएफ नोएडा यूनिट और बागपत पुलिस को संदीप के बागपत में होने की सटीक सूचना मिली। मवीकलां इलाके में संयुक्त टीम ने संदीप को घेरने की कोशिश की। पुलिस के मुताबिक, संदीप ने आत्मसमर्पण करने के बजाय फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में एसटीएफ की गोली लगने से संदीप गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मुठभेड़ में नोएडा एसटीएफ के हेड कांस्टेबल सुनील कुमार को भी गोली लगी है, जिनका इलाज चल रहा है। एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश ने इस ऑपरेशन को "हाईवे पर सक्रिय बड़े लूट और हत्या गिरोह" के खिलाफ एक महत्वपूर्ण सफलता बताया है। पुलिस का मानना है कि संदीप अकेला काम नहीं कर रहा था, बल्कि उसके पीछे एक संगठित गिरोह था। अब एसटीएफ उसके फरार साथियों की पहचान करने, उनके नेटवर्क और वित्तीय स्रोतों को खंगालने में जुटी है। इस साइको किलर का अंत हाईवे सुरक्षा के लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है, जिससे सड़क पर चलने वाले लोगों और खासकर ट्रक ड्राइवरों को बड़ी राहत मिली है।





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