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बड़ी खबर: बुलंदशहर हिंसा में 7 साल बाद 38 दोषी करार, इंस्पेक्टर व युवक की हुई थी हत्या, फैसला 1 अगस्त को
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अमन त्यागी
बुलंदशहर। गोवंश के अवशेष मिलने से शुरू हुई हिंसा, फिर चौकी जलाना, इंस्पेक्टर की हत्या और अब 7 साल बाद न्याय की दस्तक। 3 दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र में हुई हिंसा के मामले में विशेष कोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए 38 आरोपियों को दोषी करार दिया है। अब इनकी सजा का ऐलान 1 अगस्त को किया जाएगा। कोर्ट ने फिलहाल फैसला सुरक्षित रखा है और सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है। पूरे मामले में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर कोर्ट परिसर में दो थानों की फोर्स तैनात रही।
ये था मामला, गोवंश मिलने पर भड़की थी हिंसा
3 दिसंबर 2018 को स्याना क्षेत्र के महाव गांव में गोवंश के अवशेष मिलने की सूचना पर हिंदूवादी संगठनों और ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। मौके पर पहुंची भीड़ ने गोकशी का विरोध करते हुए चिंगरावठी पुलिस चौकी पर धावा बोल दिया। भीड़ ट्रैक्टर-ट्रॉली में अवशेष भरकर चौकी ले गई और हाईवे को पूरी तरह से जाम कर दिया। जब पुलिस ने रोका तो भीड़ ने चौकी को आग के हवाले कर दिया और पथराव शुरू कर दिया।
इंस्पेक्टर और युवक की हत्या
भीड़ को नियंत्रित करने के प्रयास में स्याना कोतवाली के तत्कालीन इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई। वे भीड़ को शांत करने पहुंचे थे। इसी दौरान चिंगरावठी के रहने वाले युवक सुमित की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने स्थिति को काबू में करने के लिए तत्परता दिखाई, लेकिन दो मौतों ने पूरे प्रदेश को हिला दिया था।
44 आरोपी बनाए गए
इस मामले में पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया था। उनके साथ 27 अन्य को नामजद किया गया, जबकि 60 अज्ञात लोगों पर भी केस दर्ज हुआ। जांच के बाद 44 लोगों को चार्जशीट में शामिल किया गया। इनमें से 5 की मौत हो चुकी है और एक नाबालिग रिहा हो चुका है। शेष 38 अभियुक्तों पर आज दोष सिद्ध हुआ है। कोर्ट ने सभी को हिरासत में भेज दिया है।
मुख्य आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से मिली थी जमानत
मुख्य आरोपी योगेश राज, जो एक हिंदू संगठन से भी जुड़े हैं और मौजूदा जिला पंचायत सदस्य हैं, को कुछ सप्ताह पहले ही सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। वहीं इस मामले में शामिल अन्य कई आरोपी ग्राम प्रधान, क्षेत्रीय नेता और संगठन से जुड़े लोग हैं। फिलहाल 4 आरोपी जेल में हैं और 34 जमानत पर बाहर थे।
अब 1 अगस्त पर निगाहें
इस केस की सुनवाई बुलंदशहर की कोर्ट संख्या-12 में हुई, जहां वकीलों ने बताया कि सभी दोषी अब कोर्ट की कस्टडी में हैं। फैसला सुनते ही परिजन कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद रहे। अब सभी की नजरें 1 अगस्त पर टिकी हैं, जब सजा का ऐलान होगा। यह फैसला सिर्फ दोषियों के लिए नहीं, बल्कि पूरे तंत्र के लिए मिसाल बन सकता है। इस पूरे मामले में आज भी इंस्पेक्टर सुबोध की लाइसेंसी पिस्टल पुलिस को नहीं मिल पाई है।
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Location:
India
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