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रिवर हाइट्स सोसायटी में AOA का बवाल पहुंचा थाने, महिला सचिव ने दर्ज कराया छेड़खानी और चरित्र हनन का केस
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विभु मिश्रा
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन स्थित रिवर हाइट्स सोसायटी में एओए का विवाद अब सिर्फ ग्रुप मीटिंग और सोशल मीडिया तक सीमित नहीं रहा। यह टकराव अब महिला सुरक्षा, गरिमा और आपराधिक धाराओं के दायरे में पहुंच चुका है। सोसायटी की एओए सचिव रितु चौधरी ने अपने ही साथ कार्य कर रहे एओए पदाधिकारियों पर छेड़खानी, चरित्र हनन, बदनाम करने और धमकाने जैसे संगीन आरोप लगाते हुए नंदग्राम थाने में एफआईआर दर्ज करवाई है। रितु चौधरी का कहना है कि वह कई महीनों से सोसायटी में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर संघर्ष कर रही थीं, लेकिन इसके बदले उन्हें मानसिक प्रताड़ना और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने संगठित तरीके से उन्हें बदनाम करने की साज़िश रची।
नामजद हुए ये एओए पदाधिकारी
एफआईआर में सात पदाधिकारियों को नामजद किया गया है। इनमें गौरव वर्मानी, आलोक शर्मा, शेखर आनंद, शलभ गुप्ता, विंकित रावत, योगेश शर्मा समेत कुछ अज्ञात शामिल हैं। आरोप है कि इन सभी ने मिलकर सचिव के खिलाफ व्हाट्सएप ग्रुप्स में अभद्र भाषा और झूठे आरोपों का प्रचार किया।रितु ने कहा कि उनकी छवि खराब करने के लिए ग्रुप में फोटो और भ्रामक मैसेज वायरल किए गए। उनके बार-बार विरोध करने और शिकायत उठाने के बावजूद इन्हें नजरअंदाज किया गया।
छेड़खानी से लेकर मानसिक उत्पीड़न तक
सचिव ने बताया कि एक मीटिंग के दौरान उनके साथ सार्वजनिक रूप से गलत हरकत की गई और शर्मनाक टिप्पणियां की गईं। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने एओए में हो रही वित्तीय अनियमितताओं और गलत निर्णयों का विरोध किया, तो उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश की गई। यहां तक कि उन्हें सोसायटी छोड़ देने की धमकी भी मिली। रितु का कहना है कि वह मानसिक रूप से काफी परेशान हो चुकी हैं और इसीलिए अब मजबूर होकर पुलिस से कानूनी मदद ली है।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
थाना नंदग्राम पुलिस ने महिला की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं धारा 354 (छेड़खानी), 500 (मानहानि), 504 (जानबूझकर अपमान), 506 (आपराधिक धमकी), 509 (शब्दों/इशारों से महिला का अपमान) और 120B (षड्यंत्र) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने बयान दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि इस मामले में कुछ लोगों से जल्द पूछताछ भी की जाएगी। वहीं, सोसायटी में यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। स्थानीय निवासियों में सुरक्षा और पारदर्शिता को लेकर चिंता बढ़ गई है।
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Location:
India
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Comments
Ismey accused person ke name galat daley huey hai sabhi
ReplyDeleteJhuthi FIR likhvai gai hai inko sachiv pad se hata Diya gaya tha isliye unhone yah karya Kiya Hai
ReplyDeleteझूठे आरोप लगाना यह भी एक गंभीर अपराध है। लेकिन इस बात को साबित करना जरूरी है, केवल दावा करना या अखबार में छाप देना पर्याप्त नहीं है।
ReplyDeleteकोई महिला स्वार्थ के लिए झूठे आरोप लगाती हैं। यह रवैया न्याय प्रक्रिया को नुकसान पहुँचाता है। इस case में यही लग रहा है क्योंकि रितु चौधरी जी को इनकी सचिव पद में रहते हुए पद संभाला नहीं गया और कई सारी अनियमत्ताये पायी गई इस वजह से बोर्ड की मेजोरिटी से इनका पद change करके इन्हें टीम में रखा गया है executive member के रूप में। ये सब सोसाइटी को सुचारू रूप से रखने के लिए किया गया था जिसमे इनकी तरफ़ से कई सारी बाधा आ रही थी।
जैसे ही पद में बदलाव हुआ और उसके बदले में ये आरोप लगाए गए हैं, तो यह सत्ता के दुरुपयोग और प्रतिशोध का संकेत हो सकता है।
जो आरोप लगाये गए है और जिनके ऊपर आरोप लगाये गए है उन सबका चरित्र भगवान के प्रति प्रेम और उनकी भक्ति दिखती है और बहुत सत्कर्म करने वाले है सभी इसका प्रमाण सभी निवासी देते है
मीडिया और समाचार पत्रों की जिम्मेदारी है कि वे तथ्यों के आधार पर निष्पक्ष रिपोर्टिंग करें। बिना सबूत के किसी व्यक्ति को बदनाम करना या दोषी बताना मानहानि (Defamation) का मामला भी बन सकता है।
जब तक वह सचिव पद पर थी तब तक किसी ने भी उनको परेशान नहीं किया और जैसे ही वह सचिव पद से हटाई गई 6 लोग एक साथ उनको परेशान करने लग गए?? क्या उन्हें पहले कभी भी एहसास नहीं हुआ?? क्या उन लोगों के पास कोई और काम नहीं है इनको परेशान करने के अलावा???? क्या उन्होंने पहले कभी किसी को बताया इस बारे में??? अगर आप सही थी तो पहले सोसाइटी के लोगों से ही अपनी शिकायत करनी चाहिए थी ना कि पुलिस स्टेशन में जाकर, क्योंकि सोसाइटी के लोगों ने ही आपको जीतने में भारी योगदान दिया है तो आपको उनसे यह उम्मीद रखनी चाहिए थी कि वह आपकी मदद करेंगे, लेकिन आपने उनको न बताकर सीधे पुलिस स्टेशन में जाकर उनकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है आपने उनको सिर्फ एक वोटर की तरह ही इस्तेमाल किया ना कि उनकी उम्मीदों पर खरा उतरनेके लिए उनकी सहायता मांगी। सोसाइटी की औरतों ने आपको इसलिए भारी मतों से विजयी करने में आपकी मदद की ताकि आप उनके भी आत्मसम्मान की रक्षा करेंगेगीं ना कि आप उन्हीं चुनाव प्रचारक संगीनियों के पतियों पर झूठे इल्जाम लगाएगी।
ReplyDeleteOnly fake things are published. Half cooked truth is more harmful than a lie. Hope the people of River Heights understand well. Anyone can’t make the educated people fool for long time.
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