गौतमबुद्ध नगर को मिलीं नई सारथी डीएम मेघा रूपम, सीएम योगी की विश्वासपात्र

विभु मिश्रा

नोएडा। गौतमबुद्ध नगर की प्रशासनिक कमान अब आईएएस मेघा रूपम के सशक्त हाथों में आ गई है। 2014 बैच की यह ऊर्जावान अधिकारी अपनी तेज-तर्रार कार्यशैली और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स को गति देने के लिए जानी जाती हैं। कासगंज से स्थानांतरित होकर नोएडा पहुँचीं मेघा ने मनीष कुमार वर्मा का स्थान लिया है, जिन्हें प्रयागराज स्थानांतरित किया गया है। उनकी नियुक्ति से जिले में विकास और सुशासन की नई सुबह की उम्मीद जगी है, जिसकी चर्चा हर तरफ हो रही है।

निशानेबाज से अफसर तक का सफर

21 अक्टूबर को आगरा में जन्मी मेघा रूपम का जीवन प्रेरणा का स्रोत है। उनके पिता ज्ञानेश कुमार गुप्ता, जो वर्तमान में देश के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं, की केरल में तैनाती के कारण मेघा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वहीं से पूरी की। बचपन से ही पढ़ाई और खेलों में आगे रहीं। केरल स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में तीन स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने रिकॉर्ड कायम किया। इसके बाद, पिता की प्रेरणा से उन्होंने लोक सेवा की राह पकड़ी और 2014 में यूपीएससी परीक्षा पास कर आईएएस अधिकारी बनीं।

प्रशासन में निर्णायक पहचान

बरेली में सहायक मजिस्ट्रेट के रूप में अपनी सेवा शुरू करने के बाद, मेरठ और उन्नाव में संयुक्त मजिस्ट्रेट के रूप में कार्य किया। मेरठ में तैनाती के दौरान उन्होंने एक शूटिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर अपने कौशल का फिर परिचय दिया। प्रशासनिक दक्षता के चलते उन्हें लखनऊ में उत्तर प्रदेश प्रशासनिक एवं प्रबंधन अकादमी का संयुक्त निदेशक और महिला कल्याण विभाग का विशेष सचिव बनाया गया। इसके बाद वे बाराबंकी की मुख्य विकास अधिकारी और हापुड़ की जिलाधिकारी भी रहीं।

नोएडा में नई ऊर्जा और अपेक्षाएँ

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ रहते हुए उन्होंने जेवर हवाई अड्डा और फिल्म सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से आगे बढ़ाया। कासगंज में जिलाधिकारी के रूप में उनका सख्त लेकिन संवेदनशील रवैया सराहा गया। मसूरी की एलबीएस अकादमी में उन्हें 2014 बैच के आईएएस अधिकारी मनीष बंसल से प्रेम हुआ और विवाह के बाद दोनों आज दो बच्चों के साथ संतुलित जीवन जी रहे हैं। अब नोएडा की डीएम के तौर पर उनकी नियुक्ति से अधूरी परियोजनाओं के पूरे होने और नागरिकों की समस्याओं के समाधान की उम्मीद बंधी है।





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