- Get link
- X
- Other Apps
नोएडा टीवी डिबेट में 'थप्पड़ कांड': डिंपल यादव पर टिप्पणी से भड़का बवाल, मौलाना रशीदी को 'सरेआम इंसाफ़'
- Get link
- X
- Other Apps
विभु मिश्रा
नोएडा। राजनीतिक बयानबाज़ी की आग आज नोएडा के एक टीवी स्टूडियो तक पहुँच गई, जहाँ एक लाइव डिबेट शो के दौरान जमकर हंगामा हुआ. समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव पर अभद्र टिप्पणी करने वाले मौलाना साजिद रशीदी को सपा कार्यकर्ताओं ने कैमरे के सामने ही थप्पड़ों से 'नवाज़' दिया. यह घटना उस समय हुई जब मौलाना अपने पुराने विवादित बयानों को लेकर पैनल में मौजूद थे. इस अप्रत्याशित 'थप्पड़ कांड' का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, जिसने पूरे उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है और अभिव्यक्ति की आज़ादी व सार्वजनिक बहसों के गिरते स्तर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
लाइव डिबेट में नोएडा स्टूडियो में बवाल
मंगलवार दोपहर को नोएडा के सेक्टर-16 स्थित एक न्यूज़ चैनल के डिबेट शो का माहौल उस समय गरमा गया, जब मौलाना साजिद रशीदी पैनल में शामिल हुए. शो शुरू होते ही सपा कार्यकर्ता, कुछ दर्शक बनकर और कुछ चैनल के सहयोगी बनकर स्टूडियो में पहुंच गए. जैसे ही डिबेट ने रफ्तार पकड़ी और मौलाना की कुछ पुरानी, विवादित टिप्पणियों का ज़िक्र आया, स्टूडियो का तापमान बढ़ गया. अचानक, माहौल हिंसक हो उठा. वीडियो फुटेज में साफ़ दिखता है कि एक कार्यकर्ता ने मौलाना को पहला थप्पड़ जड़ा. इसके बाद, एक के बाद एक कई कार्यकर्ता उन पर टूट पड़े और अपनी 'सियासी प्रतिक्रिया' ज़ाहिर की. मौलाना रशीदी सिर झुकाकर खुद को बचाने की कोशिश करते हुए स्टूडियो से बाहर निकलते दिखे.
डिंपल यादव पर मौलाना की अभद्र टिप्पणी
इस पूरे हंगामे की जड़ मौलाना साजिद रशीदी का वो बयान था, जो उन्होंने कुछ दिनों पहले डिंपल यादव की मस्जिद में मौजूदगी को लेकर दिया था. उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा था, "डिंपल यादव मस्जिद में कैसे बैठीं? उनकी पीठ पूरी तरह खुली थी, ये इस्लाम के खिलाफ़ है. उन्हें इकरा हसन से सीख लेनी चाहिए कि मस्जिद में कैसे बैठा जाता है." मौलाना ने यहीं नहीं छोड़ा, उन्होंने सपा सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी को भी निशाने पर लेते हुए कहा था, "वो तो बगल में गुलाम की तरह बैठे थे." इस बयान ने न केवल सोशल मीडिया पर, बल्कि संसद में भी ज़ोरदार हंगामा खड़ा कर दिया था और महिला सम्मान को लेकर व्यापक चर्चा शुरू हो गई थी.
सियासी गरमी और कानूनी कार्रवाई
मौलाना के बयान पर पहले तो समाजवादी पार्टी ने आधिकारिक तौर पर चुप्पी साध रखी थी, लेकिन उनके कार्यकर्ताओं ने ज़मीन पर अपनी 'प्रतिक्रिया' दे दी. वहीं, दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसदों ने इस बयान को महिला सम्मान का सीधा अपमान बताते हुए संसद के बाहर ज़ोरदार प्रदर्शन किया और मौलाना के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की. इस मामले में कानूनी शिकंजा भी कसा गया है. लखनऊ के विभूतिखंड और हज़रतगंज थानों में मौलाना रशीदी के खिलाफ़ भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत FIR दर्ज की गई है. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि यह टिप्पणी न केवल डिंपल यादव का अपमान है, बल्कि मुस्लिम महिलाओं और समाज के नाम पर राजनीति करने वालों का असली और पाखंडी चेहरा उजागर करती है.
'थप्पड़ जवाब' पर नई बहस
यह 'थप्पड़ कांड' अब एक व्यापक बहस का विषय बन गया है. एक तरफ जहाँ कुछ लोग मौलाना रशीदी के बयान को अभिव्यक्ति की आज़ादी का हिस्सा बता रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर इस 'थप्पड़ जवाब' की खुलकर तारीफ हो रही है. कुछ इसे लोकतंत्र की गिरती साख का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ इसे 'सियासी नाइंसाफ़ी का इंसाफ' बता रहे हैं. खुद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जो कपड़ा हम संसद में पहनते हैं, वही पहनकर मस्जिद गए. इसमें क्या गलत है?" सपा नेता अवधेश प्रसाद ने तो मौलाना रशीदी को "पागल और पाखंडी" तक कह डाला.
यह घटना भारतीय राजनीति में सार्वजनिक बहसों के घटते स्तर और असहमति से निपटने के लिए हिंसक तरीकों के बढ़ते चलन पर एक गंभीर सवालिया निशान लगाती है. क्या यह बढ़ती असहिष्णुता का संकेत है, या राजनीति में 'जैसे को तैसा' की एक नई और खतरनाक प्रवृत्ति उभर रही है? इस घटना पर आपकी क्या राय है?
Dimple Yadav controversy
Maulana remark protest
Maulana Sajid Rashidi slap video
Noida news studio fight
political outrage India
SP workers attack cleric
Location:
India
- Get link
- X
- Other Apps
Comments
Post a Comment