मानव जीवन के पुनर्निर्माण पर मेवाड़ में संगोष्ठी, विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य, अध्यात्म और जीवनशैली के सूत्र दिए


विभु मिश्रा

गाजियाबाद। दि इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) गाजियाबाद लोकल सेंटर की इंटर-डिसिप्लिनरी कोऑर्डिनेशन कमेटी द्वारा वसुंधरा स्थित मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के सहयोग से 'मानव प्रक्रिया का पुनर्निर्माण' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का उद्देश्य जीवन के भौतिक, मानसिक और आत्मिक पहलुओं को समझते हुए संतुलित और उद्देश्यपूर्ण जीवन की दिशा में समाज का मार्गदर्शन करना था।

प्रारंभिक सत्र में रखे गए मूल विचार

कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. (डॉ.) एस. सी. गुप्ता के स्वागत भाषण से हुई। संयोजक डॉ. एच. एस. शर्मा ने संगोष्ठी की रूपरेखा और उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। अध्यक्षता मेवाड़ ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया ने की, जबकि मुख्य अतिथि इंजीनियर संजय अग्रवाल ने विषय की सामाजिक प्रासंगिकता और आज के युग में इसकी आवश्यकता पर बेबाक विचार प्रस्तुत किए। विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अलका अग्रवाल भी मंच पर उपस्थित रहीं।

जीवनशैली, स्वास्थ्य और सोच पर चर्चा

तकनीकी सत्रों के दौरान कई विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे। संचाररत्न डॉ. एम. के. सेठ ने ‘आनंद और उत्सव जीवन जीने के सरल उपाय’ विषय पर बोलते हुए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा दी। डॉ. यशपाल गुप्ता ने ‘दवा मुक्त जीवन’ विषय पर स्वास्थ्यवर्धक जीवनशैली के सिद्धांत बताए, वहीं इंजीनियर एम. एस. त्यागी ने ‘जीवन जीने की कला’ विषय पर संतुलित, मूल्यपरक और उद्देश्यपूर्ण जीवन जीने की आवश्यकता पर बल दिया।

विद्वानों और विद्यार्थियों की भागीदारी

इस संगोष्ठी में गाजियाबाद व आस-पास के तकनीकी संस्थानों से जुड़े प्रतिष्ठित शिक्षाविदों, चिकित्सकों, अभियंताओं, शोधकर्ताओं और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भाग लिया। विभिन्न विषयों पर आधारित व्याख्यानों ने युवाओं को मानव जीवन के गहरे आयामों से जोड़ने का कार्य किया। कार्यक्रम के समापन पर लोकल कमेटी के मानद सचिव इं. पुनीत गोयल ने सभी अतिथियों व प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया और भविष्य में भी इस तरह की रचनात्मक पहल के आयोजन की बात कही।




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