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मौन एक्सप्रेस संवाददाता
ग्रेटर नोएडा। जगनपुर दौआबा में JDS ग्रुप द्वारा डूब क्षेत्र की कृषि भूमि पर अवैध फार्महाउस प्रोजेक्ट खड़ा किया जा रहा है। अब इस पूरी अवैध प्लॉटिंग को वैध दिखाने के लिए बिल्डर ने धर्म और गौसेवा की आड़ ले ली है। राम मंदिर, गौशाला और अब बुद्ध मंदिर जैसी धार्मिक संरचनाओं के सहारे इस गैरकानूनी खेल को संरक्षण देने की साजिश चल रही है और सिंचाई विभाग, प्राधिकरण और प्रशासन सबकुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठा है। जबकि इस खेल में लगभग 400 से 500 करोड़ रुपए का खेल खेला जा रहा है।
कागज़ों पर JDS, असल में इनका खेल
JDS ग्रुप के नाम से बेचे जा रहे इस फार्महाउस प्रोजेक्ट की जमीन करीब 800 बीघा डूब क्षेत्र में है, जिसे नियमों के मुताबिक केवल खेती के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है। कहने को कागजों में ये प्रोजेक्ट और जमीन किसी दूसरे के नाम दर्ज है। लेकिन प्रोजेक्ट के असली कर्ताधर्ता टप्पल में यीडा द्वारा घोषित भू-माफिया आनंद सिंह नागर और कुलदीप नागर हैं। ऐसा इसलिए ताकि कानूनी कार्रवाई के समय असली खिलाड़ी पर्दे के पीछे रहें। ये वही नागर ब्रदर्स हैं जिन्होंने 2021 से 2023 के बीच टप्पल में अवैध प्लॉटिंग कर ग्राहकों को चूना लगाया था। आज तक वहां के प्लॉट खरीदार चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न कब्जा मिला, न इंसाफ। अब वही पुराना खेल, नए चेहरे और धर्म की ढाल के साथ, एरो विलेज में दोहराया जा रहा है।
कितने का होगा घोटाला?
बिल्डर के करीबी सूत्रों की बात पर यकीन करें तो एरो विलेज प्रोजेक्ट भविष्य में बड़े घोटाले के रूप में जाना जाएगा। क्योंकि यहां बिल्डर ने सात से आठ लाख रुपए बीघा के हिसाब से 800 बीघा जमीन खरीदी थी जिसे अब वो दस हजार रुपए गज के हिसाब से बेच रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि फॉर्महाउस के लिए बेची जा रही डूब क्षेत्र की इस जमीन की कीमत बिल्डर 80 फीसदी नंबर दो में ले रहा है। जमीन की रजिस्ट्री सिर्फ साढ़े 19 लाख रुपए बीघा पर की जा रही है। बाकी की पैसा कैश में लिया जा रहा है।
धार्मिक कवच की रणनीति: मंदिर, गौशाला और बुद्ध
आनंद सिंह नागर को पता है कि ये निर्माण अवैध है, और कभी भी प्रशासन या सिंचाई विभाग कार्रवाई कर सकता है। इस खतरे से बचने के लिए यहां एक राम मंदिर और गौशाला का निर्माण कराया जा रहा है। बिल्डर की सोच साफ है — धार्मिक ढांचे खड़े कर दो, ताकि कोई बुलडोजर चलाने आए तो 'आस्था पर हमला' कहकर विरोध खड़ा किया जा सके। सूत्रों के मुताबिक, बुद्ध समाज से जुड़ी एक संस्था ने भी यहां 5-6 बीघा ज़मीन भगवान बुद्ध के भव्य मंदिर के लिए खरीदी है। कहा जा रहा है कि इस मंदिर से अंतरराष्ट्रीय बुद्धिस्ट समुदाय को जोड़ा जाएगा, जिससे बिल्डर को एक और धार्मिक सुरक्षा कवच मिल जाए।
कृषि भूमि पर महल जैसे फार्महाउस
यह जमीन पूरी तरह से डूब क्षेत्र की है यानी बाढ़ और जलभराव की संभावना वाली जमीन, जिसे सिर्फ खेती के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन JDS ग्रुप यहां प्लॉट काटकर फार्महाउस की एक पूरी अवैध कालोनी काट रहा है। यहां नियमों के विरुद्ध ऊंची-ऊंची दीवारें खड़ी हो रही हैं, अंदर पक्के निर्माण किए जा रहे हैं। ग्राहकों को यह कहकर लुभाया जा रहा है कि “यह नेचर फार्महाउस है, प्रोजेक्ट फ्यूचर में पास हो जाएगा।” इस बिक्री को अंजाम दे रहे हैं JDS बिल्डर के डायरेक्टर सेल्स रहमान और सेल्स हेड कुलदीप, जो इस स्कीम के मुख्य ग्राउंड खिलाड़ी हैं। आनंद सिंह नागर ने खुद दावा किया है कि 70% ज़मीन बिक चुकी है और बाकी 15 अगस्त तक पूरी तरह बेच दी जाएगी।
सिंचाई विभाग: पहले तोड़ा, फिर मौन साध लिया
13 मार्च 2025 को सिंचाई विभाग ने एक बार कार्रवाई करते हुए कुछ निर्माण ढहाए थे, जिससे लगा कि कानून काम कर रहा है। लेकिन कुछ ही दिनों में यह कार्रवाई बंद हो गई। सूत्र बताते हैं कि सिंचाई विभाग को "खास देखभाल" मिलने लगी, और फिर अधिकारी चुप हो गए। अब वहीं दीवारें फिर से बन चुकी हैं, और निर्माण पहले से तेज़ हो गया है। अब विभाग, प्राधिकरण और प्रशासन सब खामोश हैं, और बिल्डर के हौसले बुलंद।
धोखे की नई पैकेजिंग: अब 'धर्म' के साथ
टप्पल में लोगों को खाली कागज़ देकर लूटा गया था। अब इस बार पैकेजिंग बदली है। जमीन वही, तिकड़म वही, बस चोला पहनाया गया है धर्म और गौसेवा का। बिल्डर की चाल है कि जब राम मंदिर और गौशाला बन जाएंगी, तो सरकार या प्रशासन कोई कदम उठाने से डरेगा। अगर बुलडोजर चला, तो 'आस्था पर हमला' का हंगामा खड़ा कर दिया जाएगा। और अब तो बुद्ध मंदिर भी जोड़ दिया गया है, जिससे हर धर्म का कवच इस अवैध प्रोजेक्ट के चारों ओर बिछ जाए।
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Location:
India
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