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गाजियाबाद। लावारिस हालात में बापूधाम थाने के परिसर में मिली ममता की जिंदगी अब सुरक्षित और सम्मानजनक दिशा की ओर बढ़ रही है। बिग स्माइल फाउंडेशन की पहल पर न केवल उसे आश्रय मिला बल्कि उसके इलाज और पुनर्वास की भी व्यवस्था की गई।
गलतफहमी में हुई थी पिटाई
मानसिक रूप से अस्वस्थ ममता को लोग बच्चे चुराने वाली समझकर पीटते थे, जिससे उसके हाथ–पैर में चोटें आ गईं। कभी वह भाई-बहन, माता-पिता या भगवान के बारे में बातें करती, तो कभी ऐसी बातें जो किसी को समझ में नहीं आतीं।
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| अस्पताल में अपनी चोट दिखाती ममता |
इलाज और देखभाल का प्रयास
शुरुआत में उसे दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में नोएडा के एक आश्रम भेजा गया। आश्रम ने उसके परिवार को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस बीच बिग स्माइल फाउंडेशन की सिमरन रंधावा आगे आईं और ममता की मेडिकल जांच, गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराने से लेकर उसके सुरक्षित पुनर्वास तक की जिम्मेदारी संभाली।
कई और महिलाओं की मदद
सिमरन रंधावा ने बताया कि अब ममता "अपना घर" आश्रम में सुरक्षित है और इलाज के बाद धीरे-धीरे सामान्य जीवन जी रही है। ममता ही नहीं, करीब 50 अन्य महिलाओं को भी उनकी बिग स्माइल फाउंडेशन ने अलग-अलग आश्रमों में भेजकर नया सहारा दिया है, जहां वे इलाज के बाद बेहतर जीवन जी पा रही हैं।
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स्थान:
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