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गाजियाबाद। मेयर सुनीता दयाल ने संपत्ति करदाताओं को त्योहारों से पहले राहत देने का ऐलान किया है। नगर निगम की ओर से हाउस टैक्स में 20% छूट की समयसीमा 31 अक्तूबर 2025 तक बढ़ा दी गई है। हालांकि, शहर में लोग इसे राहत नहीं बल्कि नगर निगम का “लॉलीपॉप” मान रहे हैं, क्योंकि विवादित हाउस टैक्स वृद्धि पर रोक के बावजूद निगम उसी पर नोटिस भेजकर वसूली कर रहा है।
सदन में निरस्त, फिर भी वसूली
नगर निगम सदन ने जुलाई 2025 की बैठक में हाउस टैक्स में 300-400% बढ़ोतरी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है। इसके बावजूद नगर निगम अधिकारियों ने बढ़े हुए टैक्स पर ही नोटिस और बिल भेजने शुरू कर दिए हैं। इस रवैये को लेकर व्यापारियों और आम नागरिकों में भारी नाराजगी है।
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मेयर सुनीता दयाल |
जनता पर उल्टा बोझ
लोगों का कहना है कि निगम छूट की आड़ में असल में बढ़े हुए हाउस टैक्स की ही वसूली कर रहा है। 20% छूट के बावजूद करदाताओं को पुराने टैक्स से कहीं ज्यादा रकम जमा करनी पड़ रही है। ऐसे में छूट की घोषणा राहत से ज्यादा बोझ साबित हो रही है।
त्योहारों से पहले सियासी रंग
मेयर सुनीता दयाल ने इसे त्योहारों से पहले जनता को राहत बताकर करदाताओं से अपील की कि वे 31 अक्तूबर तक संपत्ति कर जमा कर नगर निगम कोष को मजबूत करें। लेकिन आम जनता और व्यापारी संगठन इसे जनता को शांत करने की “सियासी चाल” बता रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक बढ़े हुए हाउस टैक्स को पूरी तरह वापस नहीं लिया जाता, तब तक छूट महज दिखावा ही है।
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Sunita Dayal Mayor
Location:
India
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