'कालातीत एओए’ बनी रेजिडेंट्स की परेशानी का सबब, डिप्टी रजिस्ट्रार दफ्तर की चुप्पी पर उठे सवाल


विभु मिश्रा
गाजियाबाद। शहर की तमाम सोसायटियों में एओए (Apartment Owners Association) का कार्यकाल खत्म होने के बाद भी चुनाव नहीं कराए जा रहे हैं। कालातीत एओए न सिर्फ नियमों का उल्लंघन कर रही हैं, बल्कि रेजिडेंट्स के पैसों और फैसलों पर मनमानी भी बढ़ गई है।

कृष्णा अपरा गार्डन की कहानी 

इंदिरापुरम के वैभव खंड स्थित कृष्णा अपरा गार्डन में बीते वर्ष 1 सितंबर 2024 को आरडब्ल्यूए चुनाव संपन्न हुए थे। एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद मौजूदा टीम अब भी पद पर बनी हुई है और खर्चों के निर्णय ले रही है। चुनाव के बाद अब तक कोई ऑडिटेड बैलेंस शीट जारी नहीं की गई, न ही नए चुनाव की कोई योजना बताई गई। रेजिडेंट्स का कहना है कि सितंबर के बाद हुई ईजीएम (EGM) में वित्तीय अनुमोदन लिए गए, जो नियमानुसार अवैध हैं।

अन्य सोसायटियों में भी वही हालात

इंदिरापुरम, कौशांबी, वैशाली, राजनगर एक्सटेंशन, क्रॉसिंग रिपब्लिक और वेव सिटी जैसी अधिकांश सोसायटियों में भी एओए कालातीत हो चुकी हैं। सेवियर पार्क कालातीत को तो जनवरी 2024 में ही आदेशित किया गया था, मगर चुनाव आज तक नहीं हुए। सरे होम्स, जीसी ग्रैंड और लीला होम्स वैशाली के रेजिडेंट्स का कहना है कि एओए के पदाधिकारी रजिस्ट्रार के आदेशों को नजरअंदाज करते हुए मनमर्जी से काम चला रहे हैं।

रेजिडेंट्स के पैसे खर्च, कोई जवाबदेही नहीं

आम्रपाली विलेज के निवासियों ने बताया कि यहां भी कालातीत आदेश के बावजूद चुनाव एक साल बाद हुए और चुनाव का पूरा खर्च रेजिडेंट्स को खुद उठाना पड़ा। उनका आरोप है कि “आज की अधिकांश एओए दोबारा चुनाव नहीं चाहतीं, क्योंकि तब तक वे रेजिडेंट्स के पैसों का इस्तेमाल अपनी सुविधा के अनुसार करती रहती हैं।”
डिप्टी रजिस्ट्रार 

डिप्टी रजिस्ट्रार की निष्क्रियता पर सवाल

रेजिडेंट्स का सबसे बड़ा आरोप डिप्टी रजिस्ट्रार कार्यालय पर है कि वह अपने ही आदेशों के अनुपालन में कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। कालातीत एओए के बावजूद न तो निगरानी की जा रही है, न नए चुनाव की तिथि तय की जा रही है। सवाल उठ रहा है कि आखिर डिप्टी रजिस्ट्रार गाजियाबाद उन सोसायटियों में चुनाव क्यों नहीं करा रहे, जिनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है?

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