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गाजियाबाद। वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान लापरवाही सामने आने पर जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में तैनात 21 बूथ लेवल अधिकारियों (बीएलओ) के खिलाफ गंभीर अनियमितताओं के आरोप में सिहानीगेट थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि निर्वाचन कार्य में लगे कर्मियों को किसी अन्य काम में न लगाया जाए, अन्यथा कार्रवाई होगी।
सर्वे में गंभीर चूक
प्रशासनिक जांच में सामने आया कि कई बीएलओ ने मतदाता प्रपत्रों का समय से वितरण नहीं किया। मतदाताओं के हस्ताक्षर संग्रह और रिकार्ड डिजिटाइजेशन का काम भी अधूरा छोड़ा गया। अधिकारियों के फोन कॉल और व्हाट्सऐप संदेशों का जवाब न देने को भी गंभीर लापरवाही मानते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है।
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| डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ |
कानून का उल्लंघन माना गया
प्राप्त तहरीर के अनुसार, बीएलओ की यह चूक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 32 का उल्लंघन है, जिसमें तीन महीने से दो साल तक की सजा या जुर्माने का प्रावधान है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यह साधारण गलती नहीं, बल्कि संपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया को प्रभावित करने वाली गंभीर कार्रवाई है।
नामों की पूरी सूची
एफआईआर में दो सूचियों में 21 बीएलओ को आरोपित किया गया है, जिनमें सुनीता शुक्ला, रेनु कुमारी, अनुराधा, अर्चना रानी, रीना शर्मा, चंद्रपाल सिंह, मिलिंद कुमार, मनीष सिसोदिया, दिग्विजय सिंह, अजय कुमार शामिल हैं। दूसरी सूची में विनीता, मुकेश कुमार, अंकित नागर, राकेश कुमार, सुशील कुमार, पीयूष शर्मा, अरुण कुमार, अनिल कुमार, शशि प्रभा, शिरीन फातिमा और सुनीता पाल के नाम दर्ज हैं। मामले की जांच उपनिरीक्षक अमन कुमार को सौंपी गई है।
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