इंदिरापुरम: मंत्री के आदेश को भी जीडीए ने दिखाया ठेंगा, विधायक कॉलोनी की सड़कें अब भी कब्जे में

विभु मिश्रा 
गाजियाबाद। इंदिरापुरम न्यायखंड-1 स्थित विधायक कॉलोनी की हालत बेहद खराब है। वीआईपी इलाका होने के बावजूद आधी से ज्यादा सड़कें अवैध कब्जों में हैं। कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने मई 2025 में जीडीए को सख्त आदेश दिए थे, लेकिन सात महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मंत्री सुनील शर्मा का निर्देश

कैबिनेट मंत्री सुनील शर्मा ने मई 2025 में खुद जीडीए उपाध्यक्ष को व्यक्तिगत चिट्ठी लिखकर सभी सड़कों से अवैध कब्जे हटाने के साफ-साफ आदेश दिए थे। उन्होंने जल्द से जल्द रास्ते खुलवाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।
जीडीए उपाध्यक्ष को मंत्री द्वारा लिखा गया पत्र

जीडीए ने की सिर्फ खानापूर्ति

सात महीने बीत गए, लेकिन जीडीए ने बस एक-दो बार टीम भेजकर फोटो खिंचवाए और फाइल बंद कर दी। न कोई नोटिस चस्पा हुई, न बुलडोजर चला और न ही किसी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ।

सड़कें गायब, दीवारें खड़ी

पहले जहाँ दो कारें आसानी से निकल जाती थीं, अब वहाँ पक्के मकान, दीवारें और लोहे के गेट खड़े हैं। कई गलियाँ पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। लोगों को घर तक आने-जाने के लिए 2-3 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
सड़क बंद कर लगाया गया गेट

सफाई-एम्बुलेंस का संकट

सफाई की गाड़ी महीनों से अंदर नहीं घुसी, कूड़े के ढेर लगे हैं। एम्बुलेंस और दमकल गाड़ी के लिए रास्ता ही नहीं बचा। सीवर और नालियों का काम सालों से अटका है, बारिश में पूरा इलाका तालाब बन जाता है।

आरडब्ल्यूए अध्यक्ष की शिकायत

आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अनुपम शुक्ला ने बताया कि नगर निगम, जीडीए, डीएम, एसएसपी और थाना इंदिरापुरम को दर्जनों पत्र लिखे गए। हर बार जवाब मिलता है – “जांच करके कार्रवाई करेंगे”, लेकिन जांच के नाम पर सिर्फ फोटो खींचकर चले जाते हैं। अब तक एक ईंट भी नहीं हटी।
रास्ता बंद कर खड़ी की गई दीवार

हाईकोर्ट जाएंगे निवासी

निवासियों का सब्र टूट चुका है। उन्होंने चेतावनी दी है कि 10-12 दिन में कार्रवाई न हुई तो इलाहाबाद हाईकोर्ट जाएंगे और जीडीए अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मुकदमा करेंगे।

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