कोरवा अधिवेशन में उठी मांग: हर महीने पहला रविवार बने "कार फ्री डे”

सम्मेलन को संबोधित करते विजय गोयल
विभु मिश्रा 
नई दिल्ली। राजघाट स्थित गांधी स्मृति में आयोजित कोरवा (कन्फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए) की 12वीं राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में देशभर के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से अपील की कि 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए सबसे पहले नगर-निकाय सेवाओं की कमियां दूर की जाएं और एयर पॉल्यूशन पर त्वरित कदम उठाते हुए कम से कम अगले तीन महीने तक “कार फ्री संडे” की सरकारी एडवाइजरी जारी की जाए।

ये उठी मांग

सम्मेलन में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि विकेंद्रीकरण और नागरिक भागीदारी अब अनिवार्य हो चुकी है। उन्होंने आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों को “अनुभवी, शिक्षित और निस्वार्थ कार्य करने वाला समूह” बताते हुए कहा कि इन्हें नीति-स्तर पर विशेष वरीयता मिलनी चाहिए, क्योंकि ये जमीन से जुड़े मुद्दों को सबसे बेहतर समझते हैं।
सम्मेलन में बोलते कर्नल टी पी त्यागी और उपस्थित कोरवा सदस्य

नगर सेवाओं पर सवाल

कोरवा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर चक्र प्राप्त कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने पूछा कि जब सरकार 2047 तक विकसित भारत की बात करती है, तो फिर नगर निगमों में त्वरित कार्रवाई टीम क्यों नहीं? क्या डंपिंग ग्राउंड नियमों के अनुसार सैनिटरी लैंडफिल में बदले गए? सड़कों के गड्ढे, सीवेज ब्लॉकेज और स्ट्रीट लाइट की मरम्मत जैसी मूलभूत जिम्मेदारियां आज भी अधूरी क्यों?

प्रदूषण पर गहरी चिंता

देश के कई राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने बताया कि भारत की “सुरक्षित” AQI सीमा अमेरिका से तीन गुना खराब है। VOCs को प्रदूषण माप में शामिल न किए जाने पर उन्होंने कड़ा सवाल उठाया। उनका दावा था कि वास्तविक प्रदूषण स्तर हमें बताए गए आंकड़ों से लगभग दस गुना अधिक तक हो सकता है। इस दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि कम से कम आगामी तीन महीनों तक पहला रविवार कार फ्री डे लागू कर सरकार एक मजबूत संदेश दे सकती है।

संवाद की जरूरत

दिल्ली, यूपी और अन्य राज्यों से आए वक्ताओं ने कहा कि अगर प्रशासन आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों के साथ नियमित संवाद शुरू करे, तो आधी समस्याएं तत्काल हल हो जाएंगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि नगर सेवाओं में सुधार तेज़ नहीं हुआ तो हालात उन देशों जैसे हो सकते हैं जहां कमज़ोर सिविक सिस्टम ने बड़े सामाजिक संकट पैदा किए। कार्यक्रम में 400 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सात विशिष्ट सामाजिक कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया।

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