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गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन स्थित एस जी ग्रैंड सोसायटी में आईएफएमएस फंड के कथित दुरुपयोग को लेकर दर्ज एफआईआर ने माहौल गरमा दिया है। नंदग्राम थाने में कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुए मामले के बाद अब पूर्व अध्यक्ष विनय गिल ने खुलकर जवाब दिया है। उन्होंने सभी आरोपों को निराधार और व्यक्तिगत रंजिश से प्रेरित बताया।
फंड दुरुपयोग पर सफाई
विनय गिल ने साफ कहा कि सोसायटी का एक भी रुपया कैश में नहीं निकाला गया और न ही किसी के निजी खाते में ट्रांसफर हुआ। उनके मुताबिक सारा पैसा सोसाइटी के खाते में था और सोसाइटी के कामों में ही खर्च हुआ। कुछ रकम एक खाते से उधार लेकर दूसरे में डाली गई और बाद में वापस कर दी गई, जो किसी भी तरह अपराध नहीं है।
बिल-पेमेंट और जांच का दावा
गिल ने बताया कि जिन दो बिलों के चेक पर सवाल उठाए जा रहे हैं, उनके भुगतान को उन्हीं के कहने पर रोका गया था और बाद में भुगतान वर्तमान एओए ने स्वयं किया। उनके अनुसार, मई में उन्होंने पुलिस को लिखित जवाब और 175 पन्नों का पूरा रिकॉर्ड भी दिया था, जिसे डिप्टी रजिस्ट्रार के स्तर पर भी सही पाया गया। उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत होता तो वहां भी कार्रवाई हो जाती।
रंजिश, पुराने केस और ‘दबाव’ का आरोप
विनय गिल का आरोप है कि यह पूरा प्रकरण व्यक्तिगत द्वेष से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सचिव अनुज मिश्रा ने पहले उनकी पत्नी को शामिल करते हुए छेड़छाड़ का झूठा मामला दर्ज कराया था, जिसमें पुलिस ने एफआर लगा दी थी। इसी तरह, अरुण मलिक की पत्नी द्वारा लगाए आरोप भी झूठे साबित हुए थे। गिल ने खुलासा किया कि वर्तमान अध्यक्ष अरुण मलिक के खिलाफ उनका एक मामला चल रहा है, जिसमें मलिक जमानत पर हैं। उसी केस को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए मेरे खिलाफ एफआईआर कराई गई है।
जांच में करेंगे पूरा सहयोग
विनय गिल का कहना है कि वे पुलिस जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार हैं और सभी तथ्य सामने रखेंगे। साथ ही वो इस एफआईआर के खिलाफ कोर्ट में अपील भी करने वाले हैं। इस मामले में जब एओए के वर्तमान अध्यक्ष अरुण मलिक से बात करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं सका।
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स्थान:
India
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