विभु मिश्रा
गाजियाबाद। सुप्रीम कोर्ट के कड़े निर्देशों का पालन करते हुए गाजियाबाद नगर निगम ने आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए कमर कस ली है। शनिवार को निगम की विशेष टीमें वैन और संसाधनों के साथ शहर की सड़कों पर उतरीं। इस दौरान अलग-अलग इलाकों में व्यापक अभियान चलाते हुए दर्जनों आवारा कुत्तों को पकड़ा गया, ताकि उनकी बढ़ती तादाद को नियंत्रित किया जा सके।
नसबंदी कर वापस छोड़े जाएंगे कुत्ते
नगर निगम के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पकड़े गए कुत्तों का स्टरलाइजेशन (नसबंदी) किया जाएगा। उसके बाद पकड़े गए कुत्तों को बधियाकरण और वैक्सीनेशन के बाद उसी स्थान पर वापस छोड़ दिया जाएगा, जहाँ से उन्हें उठाया गया था।
रिहायशी इलाकों में दहशत का माहौल
गाजियाबाद के रिहायशी इलाकों और बाजारों में कुत्तों के झुंड आम नागरिकों के लिए बड़ी मुसीबत बन चुके हैं। मुख्य सड़कों और गलियों में घूमते आवारा कुत्तों के कारण बच्चों और बुजुर्गों में डर का माहौल है। कई इलाकों में डॉग बाइट की घटनाएं सामने आने के बावजूद, अभी तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।
नियमित कार्रवाई का निगम का वादा
स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासनिक अनदेखी और डॉग लवर्स की वजह से यह समस्या विकराल हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद अक्सर कार्रवाई केवल कागजों तक सीमित रह जाती है। हालांकि, निगम प्रशासन ने अब दावा किया है कि इस अभियान को नियमित रखा जाएगा ताकि शहरवासियों को इस गंभीर समस्या से जल्द राहत मिल सके।
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