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गाजियाबाद के मुरादनगर में बुधवार रात एक खौफनाक वारदात ने सबको हिलाकर रख दिया। थाने के गेट के ठीक सामने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी गई, और पुलिस मूकदर्शक बनी खड़ी रही। हमलावरों ने चार गोलियां दागीं और फरार हो गए। पुलिस की लापरवाही पर थानाध्यक्ष समेत तीन पुलिसकर्मी सस्पेंड कर दिए गए हैं। घटना के बाद इलाके में लोगों ने जमकर हंगामा किया और थाने के बाहर प्रदर्शन किया।
थाने में शिकायत करने आया था युवक, मिली मौत
मुरादनगर के गांव मिल्क रावली निवासी रवि शर्मा (35) गांव में कार निकालने को लेकर हुए झगड़े के बाद शिकायत दर्ज कराने अपने छोटे भाई के साथ मुरादनगर थाने आया था। लेकिन रवि को क्या पता था कि थाने का गेट ही उसकी जिंदगी का आखिरी मोड़ बन जाएगा। जैसे ही रवि थाने के बाहर पहुंचा, वहां पहले से मौजूद अजय चौधरी और मोंटी ने उस पर पिस्टल तान दी और बिना कुछ कहे चार गोलियां दाग दीं। गोली लगते ही रवि लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी।
कुछ दिन पहले ही जेल से छूटा है आरोपी अजय
जानकारी के मुताबिक, मुख्य आरोपी अजय चौधरी हाल ही में रेप केस में जेल जा चुका है। कुछ दिन पहले ही वह छूटकर आया था। रवि से पुराना झगड़ा था और उसी रंजिश में पहले गांव में मारपीट की, फिर पीछा करते हुए थाने तक आ पहुंचा।
पुलिस पर सवाल, कार्रवाई के नाम पर सस्पेंशन
पुलिस को हमले की आशंका पहले ही दे दी गई थी, लेकिन कोई सुरक्षा नहीं दी गई। वारदात के वक्त थाने के सामने पुलिस तैनात थी, फिर भी गोलीकांड को कोई रोक नहीं सका।
अब पुलिस कमिश्नर ने कड़ा एक्शन लेते हुए जिन अफसरों को सस्पेंड किया है, वो हैं:
थानाध्यक्ष मुरादनगर
SI शैलेंद्र तोमर (नाइट ड्यूटी)
SI सूबे सिंह (BPO)
पीड़ित परिवार का आरोप: “हमने पुलिस को सब बताया था”
रवि के छोटे भाई विकास ने रोते हुए बताया,
"हमने पुलिस को बताया था कि अजय और मोंटी जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। हमारे घर पर भी फायरिंग कर चुके थे। लेकिन जब थाने पहुंचे तो वहां दोनों पहले से खड़े थे और मेरे भाई पर गोलियां चला दीं। पुलिस ने कुछ नहीं किया।"
हत्या के बाद गुस्साए लोग, थाने पर शव रखकर प्रदर्शन
घटना की खबर फैलते ही गांव और आसपास के लोगों ने शव रखकर थाने का घेराव कर लिया। लोगों ने जमकर हंगामा किया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मौके पर वरिष्ठ अफसरों को पहुंचकर हालात संभालने पड़े।
ये सिर्फ एक हत्या नहीं, सिस्टम पर तमाचा!
जिस जगह आम लोग अपनी सुरक्षा के लिए पहुंचते हैं, वहीं अगर मौत मिल जाए, तो भरोसा आखिर किस पर करें? गाजियाबाद की ये घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि पूरे सिस्टम की नींद तोड़ने के लिए काफी है।
टिप्पणियाँ

vibhu जी आपका खबरों को प्रकाशित करने का अंदाजा बेहद सटीक और स्पष्ट हैं.
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