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सत्येन्द्र गौतम
मध्यप्रदेश। रीवा जिले में पर्यटन को नई उड़ान देने की तैयारी पूरी हो चुकी है। उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने ऐलान किया है कि 26 और 27 जुलाई को रीवा में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा, जो पूरे विंध्य क्षेत्र के धार्मिक, प्राकृतिक और ऐतिहासिक स्थलों को पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करने की दिशा में एक बड़ी पहल होगी। गुढ़ क्षेत्र के प्रसिद्ध भैरवनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद उप मुख्यमंत्री ने न सिर्फ पर्यटन के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले वर्षों में रीवा पर्यटन के साथ-साथ रोजगार का भी बड़ा केंद्र बनने जा रहा है।
भव्य भैरवनाथ मंदिर को मिलेगा धार्मिक पर्यटन का दर्जा
गुढ़ के भैरवनाथ मंदिर में वर्षों से खुले में विराजमान भगवान भैरवनाथ के लिए अब भव्य मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। उप मुख्यमंत्री ने बताया कि मंदिर परिसर का विकास स्थानीय विधायक नागेन्द्र सिंह के निरंतर प्रयासों और CSR फंडिंग से संभव हुआ है। कष्टहरनाथ शिव मंदिर और बूढ़ीमाता मंदिर का भी सौंदर्यीकरण किया गया है। मंदिर के पास ही औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जा रहा है, जिससे यह क्षेत्र धार्मिक आस्था और आर्थिक प्रगति दोनों का केंद्र बनेगा।
विंध्य के जलप्रपातों और टाइगर सफारी को मिलेगी पहचान
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि रीवा और विंध्य क्षेत्र में बहुती, प्रवा जैसे जलप्रपात, मुकुंदपुर की व्हाइट टाइगर सफारी और संजय टाइगर रिजर्व जैसी अपार प्राकृतिक संपदाएं हैं, जो उत्तरप्रदेश और देशभर के पर्यटकों को आकर्षित कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में लखनऊ और बनारस में हुए पर्यटन आयोजनों में रीवा के इन स्थलों का विशेष उल्लेख किया गया, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर इनकी पहचान मजबूत हुई है।
पर्यटन से बढ़ेगा रोजगार, सुधरेगा स्थानीय जीवनस्तर
राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि पर्यटन सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि मन को चिंता से मुक्त करने और रोजगार के अवसर पैदा करने का एक अहम माध्यम है। अच्छी सड़कों, हवाई और रेल संपर्क से रीवा अब देश के प्रमुख शहरों से जुड़ चुका है। जैसे-जैसे पर्यटक यहां आएंगे, वैसे-वैसे होटल, टूर गाइड, स्थानीय हस्तशिल्प और परिवहन क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा, जिससे आम लोगों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव आएगा।
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