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कुमुद मिश्रा
नई दिल्ली। राजा रघुवंशी हत्याकांड अब एक फिल्मी सस्पेंस थ्रिलर जैसा लग रहा है। जहां दोस्ती, प्यार, पैसा और साजिश के ऐसे पत्ते खुल रहे हैं, जिनसे पूरा देश सन्न है। इस मामले की मुख्य आरोपी सोनम और उसके कथित प्रेमी राज की रिमांड दो दिन और बढ़ा दी गई है, ताकि पुलिस उस खतरनाक प्लान की परतें खोल सके, जो शायद पैसों के लालच में तैयार किया गया था। वहीं, बाकी तीन आरोपी 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए हैं।
50 हजार में खत्म कर दी गई ज़िंदगी?
पुलिस को शक है कि ये मर्डर महज दोस्ती की खातिर नहीं किया गया, बल्कि इसके पीछे कोई बड़ा "डील" छुपा है। जांच में सामने आया कि सोनम को खर्च के नाम पर 50 हजार रुपये मिले थे। लेकिन क्या ये सच में सिर्फ खर्चा था? या फिर ये वही रकम थी जिसमें राजा की जान की कीमत तय की गई थी? सोनम का कहना है कि उसने ये कदम दोस्ती में उठाया, मगर पुलिस को उसकी इस कहानी में दम नहीं लग रहा।
फर्जी सिम और गायब फोन - सबूतों की सबसे बड़ी गुत्थी
राज ने एक फर्जी नाम से सिम कार्ड लिया था, जिससे वह सोनम से संपर्क करता था। अब तक पुलिस को चार में से तीन मोबाइल फोन नहीं मिले हैं – इनमें राजा और सोनम के पर्सनल फोन शामिल हैं। यही डिवाइसेज़ इस पूरे केस की कड़ियों को जोड़ सकते हैं। पुलिस को शक है कि मोबाइल में ऐसे चैट्स और रिकॉर्डिंग्स हो सकती हैं जो इस केस को पलटकर रख दें।
क्या साजिश में सोनम का परिवार भी शामिल?
अब पुलिस सोनम के परिवार पर भी नज़र रखे हुए है। सूत्रों के मुताबिक, जांच में ऐसे संकेत मिले हैं कि इस पूरी साजिश में एक छठा शख्स भी शामिल हो सकता है जो पर्दे के पीछे से सब कुछ चला रहा था। अब ये सवाल बड़ा हो गया है कि क्या सोनम ने राजा की हत्या अकेले की या परिवार और किसी तीसरे की मदद से? क्या यह सिर्फ एक प्रेम कहानी थी या एक सोची-समझी सुपारी किलिंग?

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