मेवाड़ विश्वविद्यालय का अभिव्यक्ति-29: शक्ति और भक्ति का अनूठा संगम

विभु मिश्रा 

नई दिल्ली। मेवाड़ विश्वविद्यालय ने अपने सांस्कृतिक कार्यक्रम ‘अभिव्यक्ति-29’ के तहत नई दिल्ली के कमानी सभागार में ‘मीरायतन’ नृत्य नाटिका का आयोजन कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस अवसर पर मेवाड़ की शौर्य और भक्ति से रंगी परंपराओं की सराहना की।

मेवाड़ की संस्कृति का गौरव

केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि मेवाड़ की परंपराएं शक्ति, शौर्य और भक्ति का अनूठा मिश्रण हैं। उन्होंने बप्पा रावल, महाराणा प्रताप और पन्ना धाय के बलिदान को याद करते हुए कहा कि मीराबाई ने अपनी भक्ति से मेवाड़ को आध्यात्मिक ऊंचाइयों तक पहुंचाया। मेवाड़ विश्वविद्यालय इन परंपराओं को संरक्षित करते हुए आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा दे रहा है।

शिक्षा और संस्कृति का नया आयाम

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने कहा कि मेवाड़ विश्वविद्यालय ने दिल्ली में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज की है। नई शिक्षा नीति को नवाचारों के साथ लागू करने में विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यह आयोजन मेवाड़ की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का शानदार प्रयास है।

मीरायतन ने बांधा समां

‘मीरायतन’ नृत्य नाटिका इस आयोजन का मुख्य आकर्षण रही, जिसमें कलाकार कुंजलता मिश्रा ने मीराबाई के चरित्र को जीवंत कर दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया। फाइन आर्ट्स और परफॉर्मिंग आर्ट्स विभाग के कलाकारों ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिनमें लोकगीत, नृत्य और नाटक शामिल थे।

चित्रकला और योग की प्रस्तुति

‘द स्ट्रोक ऑफ मेडिटेशन’ थीम पर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के निदेशक डॉ. संजीव किशोर गौतम और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने किया। बप्पा बर्मन की योगासन प्रस्तुति और हरिओम गंधर्व के लोकगीत ‘पधारो म्हारो देस’ ने दर्शकों का मन मोह लिया।

देशभक्ति और स्वावलंबन का संदेश

मेवाड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. अशोक कुमार गदिया ने कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य विद्यार्थियों को न केवल उच्च शिक्षा प्रदान करना है, बल्कि उन्हें देशभक्त और जिम्मेदार नागरिक बनाना भी है। उन्होंने दिल्ली जैसे महानगर में सांस्कृतिक और शैक्षिक नवाचारों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दोहराई।

गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में डॉ. महेश चंद्र शर्मा, शिवराज सैनी, तन्मय गुप्ता जैसे विद्वानों और पत्रकारों की उपस्थिति ने इसकी गरिमा को और बढ़ाया। मेवाड़ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस की निदेशक डॉ. अलका अग्रवाल और कला विभाग की प्रमुख डॉ. चित्रलेखा सिंह ने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।




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