एयर इंडिया विमान हादसा: 32 सेकंड में 260 जिंदगियों का अंत, मानवीय भूल या साजिश? जानिए क्या है रहस्य....


विभु मिश्रा

नई दिल्ली। 12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 का क्रैश एक ऐसी त्रासदी थी, जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के टेकऑफ के मात्र 32 सेकंड बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में गिरने से 241 यात्रियों और 19 लोगों की जान चली गई। केवल एक यात्री चमत्कारिक रूप से बचा। विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट ने कॉकपिट में पायलटों की बातचीत को उजागर किया, जिसमें फ्यूल स्विच के रहस्यमयी ढंग से बंद होने का जिक्र है। क्या यह पायलट की गलती थी, तकनीकी खराबी, या साजिश? आइए, इस रहस्य को खोलते हैं।

“तुमने फ्यूल स्विच क्यों बंद किया?”

AAIB की 15 पन्नों की रिपोर्ट के अनुसार, टेकऑफ के बाद विमान ने 180 नॉट्स की गति हासिल की, लेकिन दोनों इंजनों के फ्यूल कट-ऑफ स्विच एक सेकंड के अंतराल में ‘रन’ से ‘कट-ऑफ’ स्थिति में चले गए। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) में कैप्टन सुमीत सभरवाल को को-पायलट क्लाइव कुंदर से पूछते सुना गया, “तुमने फ्यूल स्विच क्यों बंद किया?” जवाब में कुंदर कहते हैं, “मैंने नहीं किया!” यह संवाद मानवीय भूल की ओर इशारा करता है, लेकिन स्विच का स्वतः बंद होना तकनीकी गड़बड़ी की संभावना को भी मजबूत करता है।

पायलटों की तैयारी: कोई कमी नहीं

रिपोर्ट के मुताबिक, कैप्टन सभरवाल (8,200 घंटे का अनुभव) और को-पायलट कुंदर (1,100 घंटे का अनुभव) पूरी तरह प्रशिक्षित और फिट थे। उड़ान से पहले उनका ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट हुआ, और दोनों को पर्याप्त आराम मिला था। फिर भी, कॉकपिट में हुई बातचीत से संकेत मिलता है कि टेकऑफ के महत्वपूर्ण क्षणों में कोई भ्रम या गलतफहमी हुई हो सकती है। क्या यह कॉकपिट कॉर्डिनेशन की कमी थी?

फ्यूल स्विच का रहस्य

जांच में पता चला कि फ्यूल स्विच का अचानक बंद होना किसी सॉफ्टवेयर गड़बड़ी या डिजाइन दोष का परिणाम हो सकता है। 2018 में FAA ने बोइंग 787 के फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम में संभावित खराबी की चेतावनी दी थी, जिसे एयर इंडिया ने लागू नहीं किया। इसके अलावा, रैम एयर टर्बाइन (RAT) का तुरंत सक्रिय होना दोहरे इंजन फेल होने का संकेत देता है, लेकिन कम ऊंचाई (650 फीट) पर यह विमान को नहीं बचा सका।

साजिश की आशंका?

नागरिक उड्डयन मंत्री मुरलीधर मोहोल ने सबोटाज की संभावना को खारिज नहीं किया। कुछ साजिश सिद्धांतों में दावा किया गया कि विमान के सॉफ्टवेयर में हस्तक्षेप या साइबर हमला हुआ हो। हालांकि, ब्लैक बॉक्स डेटा और मलबे की प्रारंभिक जांच में इसका कोई ठोस सबूत नहीं मिला। फिर भी, फ्यूल स्विच का स्वतः बंद होना और CVR में पायलटों का संवाद सवाल उठाता है कि क्या यह कोई सुनियोजित कार्य था?

ईंधन और सिस्टम की जांच

AAIB ने ईंधन के नमूनों को संतोषजनक पाया, जिससे संदूषण की आशंका खारिज हो गई। लेकिन APU फिल्टर और बाईं विंग के रिफ्यूल वॉल्व में बहुत कम ईंधन मिला, जो आपूर्ति प्रणाली में गड़बड़ी की ओर इशारा करता है। इन हिस्सों को अब विशेष लैब में जांचा जा रहा है। क्या यह तकनीकी खराबी का एक और सबूत है?

जांच का भविष्य

ब्लैक बॉक्स का डेटा दिल्ली में AAIB लैब में विश्लेषित किया जा रहा है, जिसमें अमेरिका की NTSB और बोइंग की टीमें सहयोग कर रही हैं। मलबे को अहमदाबाद हवाई अड्डे के पास सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। अंतिम रिपोर्ट, जो 12 महीनों में अपेक्षित है, इस हादसे के कारणों को पूरी तरह उजागर करेगी।

अनसुलझा रहस्य

एयर इंडिया का यह हादसा मानवीय भूल, तकनीकी खराबी, और साजिश के बीच एक जटिल पहेली है। पायलटों की बातचीत और फ्यूल स्विच का रहस्य इस त्रासदी के केंद्र में है। अंतिम रिपोर्ट ही यह बता पाएगी कि क्या यह एक दुखद गलती थी, तकनीकी विफलता, या कुछ और। तब तक, यह हादसा विमानन सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है।





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