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विभु मिश्रा
नई दिल्ली। 9 जुलाई, 2025 बुधवार को भारत में ऐतिहासिक 'भारत बंद' का आह्वान किया गया है। जिसमें 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे। 10 बड़ी ट्रेड यूनियनों की अगुवाई में यह हड़ताल श्रम कानूनों में बदलाव, निजीकरण और न्यूनतम मजदूरी की मांगों को लेकर हो रही है। बैंक, परिवहन, सरकारी कार्यालयों पर असर पड़ेगा, जबकि निजी क्षेत्र व आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी।
क्यों उबल रहा है देश?
देश की 10 सबसे बड़ी केंद्रीय ट्रेड यूनियनें इस 'भारत बंद' का आह्वान कर रही हैं, जिन्हें बिहार के विपक्षी महागठबंधन का पूरा समर्थन मिल रहा है। उनकी प्रमुख मांगें सरकार की उन नीतियों के खिलाफ हैं जो कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रही हैं और आम आदमी को हाशिये पर धकेल रही हैं। यूनियनों का आरोप है कि सरकार श्रम कानूनों को कमजोर कर रही है, नौकरी की सुरक्षा छीन रही है, वेतन कम कर रही है और सबसे बड़ा हमला सरकारी कंपनियों के निजीकरण के रूप में हो रहा है। इस एक दिन की हड़ताल से देश को अरबों का नुकसान होने का अनुमान है, खासकर बैंकिंग, बीमा, पोस्ट ऑफिस, कोयला खदानों और परिवहन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होंगे।
उनकी मांगें क्या हैं?
यह आंदोलन दशकों के गुस्से और निराशा का परिणाम है:
₹26,000 न्यूनतम मजदूरी: बढ़ती महंगाई के बीच कर्मचारियों को सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रति माह कम से कम ₹26,000 की मांग है।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली: लाखों कर्मचारियों के भविष्य की सुरक्षा के लिए पुरानी पेंशन योजना वापस लाने की मांग की जा रही है।
रोजगार गारंटी: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाने और रोजगार गारंटी योजना का दायरा बढ़ाने की मांग है।
श्रम कोड वापस लो: सरकार द्वारा बनाए गए चार नए श्रम कानूनों को मजदूर अपने अधिकारों पर हमला मानते हैं और उन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
निजीकरण पर रोक: देश की सरकारी कंपनियों के निजीकरण को तुरंत बंद करने की मांग की जा रही है।
क्या-क्या होगा बंद?
अगर आप कल घर से निकलने की योजना बना रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
बैंक और बीमा कंपनियाँ ठप: वित्तीय लेन-देन प्रभावित होंगे।
डाक घर बंद: पोस्ट ऑफिस सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी।
कोयले की खदानें शांत: ऊर्जा क्षेत्र पर असर पड़ेगा।
सड़कें होंगी सूनी: सरकारी बसें और राज्य परिवहन सेवाएं बाधित हो सकती हैं।
निर्माण कार्य बंद: बड़े निर्माण स्थल पर काम रुक जाएगा।
सरकारी फैक्ट्रियों में उत्पादन बंद: सरकारी उत्पादन इकाइयों का कामकाज प्रभावित होगा।
क्या-क्या खुला रहेगा?
कुछ राहत की बातें भी हैं:
निजी क्षेत्र चलता रहेगा: अधिकांश निजी कंपनियाँ और उनके परिचालन जारी रहेंगे।
अस्पताल और मेडिकल सेवाएं चालू: अस्पताल और सभी प्रकार की मेडिकल आपातकालीन सेवाएं सामान्य रूप से कार्य करेंगी।
पढ़ाई और ऑनलाइन दुनिया चालू: निजी स्कूल और कॉलेज आमतौर पर खुले रहेंगे, और ऑनलाइन सेवाएं अप्रभावित रहेंगी।
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