क्या आप भी रातों को करवटें बदलते रहते हैं? नींद की दवा छोड़िए, इन आसान तरीकों से आएगी चैन की नींद!



मौन एक्सप्रेस डेस्क

अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिनकी रातें कई सालों से करवटें बदलते हुए बीत रही हैं, सुबह उठकर सिर भारी रहता है और दिनभर थकान महसूस होती है, तो यह खबर आपके लिए ही है। अक्सर अनिद्रा से परेशान लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, लेकिन उनका असर या तो कुछ ही घंटों का होता है या फिर उनसे साइड इफेक्ट्स का खतरा बना रहता है। अब एक नई रिसर्च ने दिखाया है कि दवाइयों के बजाय कुछ आसान एक्सरसाइज़ आपकी रातों को फिर से सुकून भरा बना सकती हैं।

रिसर्च का खुलासा: एक्सरसाइज़ दवाओं से बेहतर!

हाल ही में BMJ एविडेंस बेस्ड मेडिसिन नामक प्रतिष्ठित जर्नल में छपी एक अंतर्राष्ट्रीय रिसर्च ने साबित कर दिया है कि अनिद्रा के इलाज में ताई ची, योग, वॉकिंग और जॉगिंग जैसी एक्सरसाइज़ दवाओं से भी ज़्यादा असरदार हैं। इस बड़ी स्टडी में 22 क्लिनिकल ट्रायल्स और 1,348 अनिद्रा पीड़ितों को शामिल किया गया। चौंकाने वाली बात यह थी कि जहाँ कुछ लोगों को दवाइयाँ और थेरेपी दी गईं, वहीं एक्सरसाइज़ करने वाले लोगों में सबसे तेज़ और स्थायी सुधार देखा गया।

ताई ची: अनिद्रा के लिए एक जादुई समाधान

अगर आप सोच रहे हैं कि इनमें से सबसे प्रभावी क्या है, तो जवाब है ताई ची। यह शरीर की धीमी, लयबद्ध चालों और गहरी साँसों का एक अनूठा संगम है। यह कोई तेज़ कसरत नहीं, बल्कि एक शांतिपूर्ण और ध्यानपूर्ण गतिविधि है जो तनाव को दूर करती है और दिमाग को शांत करती है। रिसर्च के मुताबिक, ताई ची करने वालों की नींद का कुल समय 50 मिनट तक बढ़ गया और सोने में लगने वाला समय 25 मिनट कम हो गया। यह अनिद्रा के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं!

योग और वॉकिंग का भी है जबरदस्त असर

ताई ची के अलावा, योग भी नींद की गुणवत्ता सुधारने में बेहद प्रभावी पाया गया है। योग करने वालों में नींद की क्वालिटी में 15% सुधार देखा गया, जिससे रात को जागने की प्रवृत्ति कम हुई, नींद का समय बढ़ा और सुबह उठने पर ज़्यादा ताज़गी महसूस हुई।

वहीं, अगर आप योग या ताई ची नहीं कर सकते, तो सिर्फ 20-30 मिनट की वॉक या जॉगिंग भी कमाल कर सकती है। रिसर्च में पाया गया कि ऐसा करने वाले मरीजों के अनिद्रा स्कोर में 10 अंकों तक की गिरावट दर्ज की गई।

दवाओं से बचें: अस्थायी राहत, ज़्यादा खतरा

रिसर्च ने यह भी साफ़ किया है कि अनिद्रा की दवाइयाँ केवल अस्थायी राहत देती हैं और इनके कई नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं, जैसे:

 * दिनभर नींद आना

 * याददाश्त पर असर

 * दवा की लत लगना

इसके विपरीत, एक्सरसाइज़ का कोई साइड इफेक्ट नहीं होता, बल्कि यह पूरे शरीर पर सकारात्मक असर डालती है, जिससे आपका समग्र स्वास्थ्य बेहतर होता है।

अब इलाज नहीं, आदत बनाइए!

शोधकर्ताओं ने सलाह दी है कि योग, ताई ची और वॉकिंग जैसी गतिविधियों को सरकारी वेलनेस कार्यक्रमों और प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं का अभिन्न अंग बनाया जाना चाहिए। ऐसा करके ज़्यादा से ज़्यादा लोग अनिद्रा से मुक्ति पा सकते हैं और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

तो, अगर आप भी अनिद्रा से जूझ रहे हैं, तो तुरंत दवा की ओर न भागें। आज से ही हर रोज़ सिर्फ 20-30 मिनट योग, ताई ची या वॉकिंग की आदत डालें। कुछ ही हफ्तों में आप अपनी रातों में एक बड़ा बदलाव देखेंगे, और शायद आप भी गर्व से कह पाएँगे "दवा छोड़ दी... और अब हर रात चैन की नींद आती है!"





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