गाजियाबाद में 'नकली राष्ट्र' का दूतावास, कूटनीति की आड़ में करोड़ों की ठगी और हवाला का खेल, धरा गया मास्टरमाइंड!
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विभु मिश्रा
गाजियाबाद। दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कविनगर में एक शानदार कोठी के भीतर चल रहा था ऐसा फर्जीवाड़ा, जिसने पुलिस और खुफिया एजेंसियों तक को चौंका दिया। विदेशी झंडों और डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट्स से सजे इस ‘दूतावास’ का मालिक कोई विदेशी राजदूत नहीं, बल्कि एक ठग था — हर्षवर्धन जैन, जो खुद को माइक्रोनेशन देशों का एम्बेसडर बताकर न केवल लोगों को भ्रमित कर रहा था, बल्कि हवाला, जालसाजी और अंतरराष्ट्रीय साजिशों की एक पूरी दुनिया चला रहा था।
नकली पहचान, असली ठगी
हर्षवर्धन जैन खुद को West Arctica, Saborga, Poulvia, और Lodonia जैसे कथित देशों का कॉन्सुल बताकर लोगों को विदेश में काम दिलाने, कारोबारी डील सेट कराने और फर्जी डिप्लोमैटिक स्टेटस बेचने का धंधा चला रहा था। यूपी एसटीएफ की कार्रवाई में सामने आया कि कविनगर की आलीशान कोठी के अंदर एक फर्जी दूतावास की पूरी सजावट थी — गेट पर झंडे, भीतर डिप्लोमेटिक गाड़ियों की भरमार और दीवारों पर फोटोशॉप से बनी नेताओं के साथ तस्वीरें। यह सब दिखावा लोगों को भरोसे में लेकर ठगने और मोटी रकम वसूलने के लिए किया गया था।
हवाला का हब और फर्जी दस्तावेजों की फैक्ट्री
छापे में STF ने 44.70 लाख रुपये नकद, चार लग्जरी कारें जिन पर डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट थी, 12 फर्जी डिप्लोमैटिक पासपोर्ट, दो जाली प्रेस कार्ड, 34 कंपनियों की मोहरें, विदेश मंत्रालय की नकली सीलें और कई देशों की मुद्राएं बरामद कीं। पुलिस को यह भी पता चला कि वह इन फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए हवाला चैनल चला रहा था। शेल कंपनियों के माध्यम से विदेश में पैसों की आवाजाही और कानूनी दस्तावेजों की आड़ में अवैध लेनदेन का बड़ा नेटवर्क सक्रिय था।
पुराने कनेक्शन और सुरक्षा पर सवाल
हर्षवर्धन जैन का नाम 2011 में भी सामने आया था जब उसके पास से अवैध सैटेलाइट फोन बरामद हुआ था। अब उसके लिंक कुख्यात हथियार तस्कर अदनान खगोशी और विवादास्पद चंद्रास्वामी से भी जोड़े जा रहे हैं। यह केवल ठगी का मामला नहीं, बल्कि देश की राजधानी से सटे गाजियाबाद जैसे संवेदनशील इलाके में चल रही संभावित देशविरोधी गतिविधियों का संकेत देता है जहां हिंडन एयरबेस और अन्य सामरिक संस्थान मौजूद हैं। क्या ये संपर्क किसी बड़े अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहे हैं, जांच एजेंसियां अब इस पहलू पर भी फोकस कर रही हैं।
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