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विभु मिश्रा
नई दिल्ली। देश भर में आज 'भारत बंद' का व्यापक असर देखा जा रहा है। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और विभिन्न किसान संगठनों द्वारा बुलाई गई इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार की 'कॉर्पोरेट-समर्थक' और 'श्रमिक-विरोधी' नीतियों का विरोध करना है। सुबह से ही सार्वजनिक परिवहन, बैंकिंग सेवाएं और कई सरकारी विभागों में कामकाज प्रभावित हुआ है। संगठनों का दावा है कि 25 करोड़ से अधिक श्रमिक और किसान इस बंद में शामिल हुए हैं, जिससे शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों तक, जनजीवन पर खासा असर पड़ा है।
देशभर में सेवाओं पर प्रभाव: क्या खुला, क्या बंद?
आज के 'भारत बंद' के दौरान कई महत्वपूर्ण सेवाएं प्रभावित हुई हैं, जबकि कुछ को छूट दी गई है।
प्रभावित सेवाएं:
बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और सहकारी बैंक कर्मचारियों की भागीदारी के कारण शाखा संचालन, चेक क्लीयरेंस और ग्राहक सेवाओं पर असर पड़ा है।
परिवहन: राज्य परिवहन की बसें सड़कों से नदारद रहीं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, मेट्रो और ऐप-आधारित कैब सेवाएं अधिकांश शहरों में सामान्य रूप से चल रही हैं, लेकिन सड़कों पर प्रदर्शनों के कारण कुछ स्थानों पर देरी देखी जा सकती है।
डाक सेवाएं: पोस्ट ऑफिस में भी कामकाज प्रभावित हुआ है।
खनन और उद्योग: कोयला खनन, इस्पात और अन्य खनिज क्षेत्रों में काम करने वाले कई कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए हैं, जिससे औद्योगिक उत्पादन पर असर पड़ने की आशंका है।
सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयाँ: कई सरकारी विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों में स्टाफ की उपस्थिति कम रही, जिससे कामकाज की गति धीमी हुई।
खुली सेवाएं:
स्कूल और कॉलेज: अधिकांश स्थानों पर स्कूल और कॉलेज खुले हैं, हालांकि सार्वजनिक परिवहन बाधित होने से छात्रों और शिक्षकों को पहुंचने में दिक्कतें आई हैं।
निजी कार्यालय: निजी कार्यालय सामान्य रूप से खुले रहे हैं।
आवश्यक सेवाएं: स्वास्थ्य सेवा (अस्पताल, क्लीनिक), आपातकालीन सेवाएं (पुलिस, अग्निशमन), और दूध आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं को हड़ताल से पूरी तरह छूट दी गई है।
बिहार में महागठबंधन का 'वोटबंदी' के खिलाफ प्रदर्शन
बिहार में 'भारत बंद' के साथ-साथ महागठबंधन ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के खिलाफ भी राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। विपक्षी दलों का आरोप है कि इस अभियान के जरिए दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीब-मजदूरों के वोट काटने की साजिश हो रही है, जिसे वे 'वोटबंदी' बता रहे हैं।
सुबह से ही बिहार के विभिन्न जिलों में बंद का व्यापक असर देखा गया। पटना सहित कई जगहों पर महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर वाहनों का चक्का जाम किया। भोजपुर के बिहिया में पूर्व विधायक दिनेश के नेतृत्व में समर्थकों ने श्रमजीवी एक्सप्रेस और विभूति एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों को रोका, जबकि दरभंगा जंक्शन पर राजद कार्यकर्ताओं ने 'नमो भारत' ट्रेन को भी बाधित किया। जहानाबाद में राजद की छात्र इकाई ने रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रोकने के साथ-साथ नेशनल हाईवे-83 को भी जाम कर दिया। इस आंदोलन में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे, जिससे बिहार में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। तेजस्वी यादव ने जनता से लोकतंत्र बचाने के लिए इस विरोध में शामिल होने की अपील की है।
केरल में पूर्ण बंद, पश्चिम बंगाल में भी दिखा असर
देश के अन्य हिस्सों में भी 'भारत बंद' का प्रभाव दिखा। केरल में जनजीवन पूरी तरह प्रभावित रहा, जहां वामपंथी संगठनों और श्रमिक यूनियनों का व्यापक समर्थन मिला। राज्य में लगभग पूर्ण बंद की स्थिति रही, दुकानें, संस्थान और अधिकांश सेवाएं बंद रहीं, जबकि बसें सड़कों से गायब थीं, जिससे सड़कें सुनसान दिखीं।
पश्चिम बंगाल में भी हड़ताल का असर देखा गया। कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में वामपंथी पार्टी से जुड़े ट्रेड यूनियनों के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किए। जादूगरपुर रेलवे स्टेशन पर कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिए और नारेबाजी की। विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल तैनात किया गया है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
आंदोलन के पीछे की मुख्य वजहें
ट्रेड यूनियनों और किसान संगठनों ने केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर 17 सूत्री मांगों का चार्टर प्रस्तुत किया है, जिसमें नए श्रम कोड को रद्द करना, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकना, बढ़ती बेरोजगारी से निपटना और ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत काम के दिनों की संख्या बढ़ाना शामिल है। संगठनों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
सरकार की तैयारियां
केंद्र सरकार ने 'भारत बंद' के मद्देनजर देश भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। राज्य सरकारों को भी कानून-व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किए गए हैं और निगरानी बढ़ाई जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा या व्यवधान को तुरंत नियंत्रित किया जा सके। अभी तक किसी बड़े उग्र प्रदर्शन या गंभीर बवाल की खबर नहीं है, हालांकि विरोध प्रदर्शनों के कारण कुछ स्थानों पर तनाव का माहौल है।
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