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विभु मिश्रा
गाजियाबाद। सावन का पवित्र महीना और कांवड़ यात्रा - शिवभक्तों के लिए आस्था का सबसे बड़ा उत्सव। लेकिन इस बार आस्था की परीक्षा सिर्फ भक्ति से नहीं, बल्कि अनुशासन से भी होगी। प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अगर किसी कांवड़िए ने गाइडलाइन तोड़ी, नियमों का उल्लंघन किया या उपद्रव फैलाया तो उसकी यात्रा को वहीं रोक दिया जाएगा और कानूनी कार्यवाही तय है।
गाइडलाइन का उल्लंघन तो सीधी कार्रवाई
प्रशासन ने इस बार यात्रा को लेकर बेहद सख्त गाइडलाइन जारी की हैं। हाईवे पर तेज आवाज में डीजे बजाना, हथियार ले जाना, शराब या नशा करना, साउंड सिस्टम से ध्वनि प्रदूषण फैलाना और बाइक पर स्टंट करना पूरी तरह प्रतिबंधित है। यदि कोई कांवड़िया इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर न केवल एफआईआर दर्ज होगी, बल्कि भविष्य में यात्रा पर भी रोक लग सकती है।
हुड़दंगी भक्तों की अब खैर नहीं
बीते वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां कुछ कथित भक्तों ने सड़कों पर हुड़दंग मचाया, दुकानों में तोड़फोड़ की, और आमजन को परेशान किया। ऐसे उपद्रवी इस पवित्र यात्रा की छवि को बिगाड़ते हैं। इस बार प्रशासन ऐसे किसी भी हुड़दंग को सहन नहीं करेगा। सीसीटीवी, ड्रोन और स्पेशल पेट्रोलिंग टीमों के जरिए हर गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है।
योगी सरकार का दो टूक निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ तौर पर कहा है कि “श्रद्धालुओं का स्वागत पूरी श्रद्धा और सुरक्षा के साथ किया जाएगा, लेकिन कोई भी कानून तोड़ेगा तो उसे छोड़ा नहीं जाएगा। यात्रा भी वहीं रोक दी जाएगी और कानूनी कार्यवाही की जाएगी।”
भक्ति के साथ संयम भी ज़रूरी
कांवड़ यात्रा भगवान शिव के प्रति आस्था और आत्मनियंत्रण का प्रतीक है। अगर यात्रा के दौरान भक्त स्वयं संयम और नियमों का पालन करें, तो ये आयोजन शांतिपूर्ण और आदर्श बन सकता है। वरना एक भी उपद्रवी न सिर्फ अपनी यात्रा खराब करेगा, बल्कि बाकी कांवड़ियों की छवि को भी धूमिल करेगा।
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