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विभु मिश्रा
गाजियाबाद। श्रावण मास, जिसे सावन मास या शिवमास भी कहा जाता है, आज से प्रारंभ हो गया जो 9 अगस्त तक चलेगा। इस पवित्र महीने में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है, और गाजियाबाद के प्रसिद्ध सिद्धपीठ श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ने की उम्मीद है। मंदिर के पीठाधीश्वर और श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया है कि इस मास में भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट, संकट और रोग दूर होते हैं, साथ ही उनकी प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती है।
भगवान दूधेश्वर की 40 दिन की पूजा से पूरी होती है हर मुराद
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने श्रावण मास में भगवान दूधेश्वर की उपासना के महत्व पर जोर देते हुए कहा, "यदि परिवार का कोई भी सदस्य 40 दिनों तक लगातार मंदिर में आकर भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना करता है और दीपक जलाता है, तो उसकी सभी बाधाएं और कष्ट दूर होते हैं, और सभी रुके हुए काम बनते हैं।" उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि चाहे वह नौकरी न मिलने की समस्या हो, विवाह में देरी हो, संतान प्राप्ति की कामना हो, कोई गंभीर बीमारी ठीक न हो रही हो, या किसी प्रकार का भय हो – सच्चे मन से की गई 40 दिन की पूजा हर रुका हुआ काम पूरा करती है और हर मनोकामना को पूर्ण करती है। महाराजश्री के अनुसार, इससे भक्तों पर भगवान दूधेश्वर की कृपा सदैव बनी रहती है।
स्वयं प्रकट हुए थे भोलेनाथ
गाजियाबाद का श्री दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर सिर्फ एक पूजा स्थल नहीं, बल्कि एक जीवंत इतिहास और गहरी आस्था का प्रतीक है। यह एक प्राचीन सिद्धपीठ है जो अपने स्वयंभू शिवलिंग के लिए जाना जाता है। लोक कथाओं के अनुसार, सदियों पहले इस स्थान पर एक गाय नियमित रूप से अपना दूध अर्पित करती थी, जिससे इस अद्भुत शिवलिंग का पता चला। इसी कारण इस पावन धाम का नाम 'दूधेश्वर' पड़ा। यह मंदिर न केवल धार्मिक गतिविधियों का केंद्र है, बल्कि यहाँ की पौराणिक कथाएँ और ऐतिहासिक महत्व इसे एक अनूठा स्थान बनाते हैं। श्रावण मास में यहाँ की छटा देखते ही बनती है, जब भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने आते हैं।
दूधेश्वर कॉरिडोर का निर्माण
महाराजश्री ने बताया कि इस वर्ष श्रावण मास, श्रावण सोमवार और श्रावण शिवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर मंदिर में कॉरिडोर बनाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है, ताकि भक्तों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिल सकें। मंदिर में यात्री निवास आदि का भी निर्माण कराया जा रहा है। इन विकास कार्यों के मद्देनजर, श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने सभी भक्तों से कुछ विशेष अपील की है:
वाहन लाने से बचें: "कोई भी भक्त अपने वाहन मंदिर में लेकर न आए। अपने वाहन श्री ठाकुर द्वारा पुल के नीचे, जिला अस्पताल, शंभू दयाल इंटर कॉलेज व डिग्री कॉलेज और घंटाघर रामलीला मैदान में ही खड़े करके आएं।"
नंगे पैर आएं: "अपने जूते-चप्पल अपने वाहनों में ही रखकर आएं क्योंकि मंदिर में निर्माण कार्य के चलते जूते-चप्पल रखने में दिक्कत आएगी। भक्तों के अंदर आने व बाहर जाने का मार्ग अलग-अलग होने से उनके खोने का डर भी रहेगा। अतः मंदिर में नंगे पैर ही आएं।"
कीमती सामान न लाएं: "कोई भी भक्त अपने साथ अधिक धन या कीमती सामान, जेवर आदि लेकर न आए। वैसे तो मंदिर व उसके आसपास पूर्ण सुरक्षा रहेगी, फिर भी अपनी सुरक्षा के लिए कीमती सामान साथ न रखें।"
उन्होंने सभी भक्तों से पूरे श्रावण मास के दौरान व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करने की अपील की, ताकि भगवान दूधेश्वर की पूजा-अर्चना करने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए और सभी सुगमता से भगवान के दर्शन कर सकें।
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