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विभु मिश्रा
गाजियाबाद। गाजियाबाद ने आज वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस ऑन कॉम्प्रिहेंसिव क्रिटिकल केयर (W4C) और ब्रोंकोपल्मोनरी वर्ल्ड कांग्रेस (BWC) के सफल समापन के साथ चिकित्सा उत्कृष्टता का एक नया अध्याय लिख दिया। यह तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन अभूतपूर्व उपलब्धियों और गहन ज्ञान साझाकरण का प्रतीक रहा, जिसमें देश-विदेश के 1400 से अधिक विशेषज्ञों ने गहन चिकित्सा और श्वसन चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम प्रगति पर मंथन किया। इस विशाल और सफल आयोजन का श्रेय मुख्य रूप से कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. आशीष अग्रवाल और उपाध्यक्ष डॉ. वी.बी. जिंदल के अथक प्रयासों को जाता है, जिनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व के कारण ही गाजियाबाद जैसे शहर में ऐसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का आयोजन संभव हो सका।
उपलब्धियां और मुख्य आकर्षण
यह सम्मेलन कई मायनों में एक बड़ी उपलब्धि रही। पहली बार गाजियाबाद ने इतने बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा विशेषज्ञों की मेजबानी की, जिससे शहर को वैश्विक चिकित्सा मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान मिला। सम्मेलन का उद्देश्य गहन चिकित्सा और श्वसन रोगों के नवीनतम उपचारों, शोधों और तकनीकों को साझा करना था, जिसमें यह पूरी तरह सफल रहा। यह डॉक्टरों, शोधकर्ताओं और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के लिए एक अद्वितीय मंच साबित हुआ, जहाँ उन्होंने ज्ञान का आदान-प्रदान किया, नेटवर्किंग की और भविष्य के सहयोग की नींव रखी।
तीन दिवसीय ज्ञान का महासंगम
पहला दिन: सम्मेलन की शुरुआत सुबह एक योगा सत्र के साथ हुई, जिसने प्रतिभागियों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार किया। इसके बाद 8:30 बजे से व्याख्यानों की झड़ी लग गई। पहले दिन ईसीएमओ (ECMO), आईसीयू में हॉट टॉपिक्स (Hot Topics in ICU), और रीनल रिप्लेसमेंट थेरेपी इन आईसीयू (Renal Replacement Therapy in ICU) जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा हुई, जिसमें विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और नवीनतम शोध प्रस्तुत किए।
दूसरा दिन: दूसरे दिन इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजी (Interventional Pulmonology), की नोट एड्रेस (Keynote Address), ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy) और पीडियाट्रिक ईबस (Pediatric EBUS) जैसे विशिष्ट क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस दौरान निमोनिया पर डॉ. आलोक नाथ, डॉ. निखिल सारंगधर, डॉ. पवन तिवारी, डॉ. सुधीर कुमार और डॉ. आलोक तिवारी जैसे दिग्गजों ने अपने व्याख्यान दिए, जिससे इस आम लेकिन गंभीर बीमारी की जटिलताओं और उपचार पर नई रोशनी पड़ी।
समापन दिवस: आज सुबह भी योगा सत्र के बाद व्याख्यान जारी रहे, जिसमें कई महत्वपूर्ण विषयों को कवर किया गया। खर्राटों के इलाज पर डॉ. आशीष गौतम ने, सी-पीएपी (CPAP) पर डॉ. मनोज चोपड़ा ने, और क्रॉनिक लंग डिजीज पर डॉ. विनी कानतरू ने अपने बहुमूल्य विचार साझा किए। पूरे दिन चले सत्रों के बाद, सम्मेलन का समापन रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ, जिसने ज्ञान के आदान-प्रदान के बाद एक सुखद और यादगार अनुभव प्रदान किया।
भविष्य की प्रेरणा
इस सफल आयोजन के लिए कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. आशीष अग्रवाल, उपाध्यक्ष डॉ. वी.बी. जिंदल और डॉ. विरोत्तम तोमर, तथा कॉन्फ्रेंस के सचिव डॉ. ज्ञानेंद्र अग्रवाल ने सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं और आयोजकों को उनके सहयोग और सफल आयोजन में योगदान के लिए हृदय से धन्यवाद दिया। यह सम्मेलन निश्चित रूप से शहर की प्रतिष्ठा बढ़ाई है और भविष्य में ऐसे और आयोजनों के लिए मार्ग प्रशस्त किया है।
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