गाजियाबाद के सितारे, कवि नित्यानंद तुषार की धमक अब बॉलीवुड तक!



सुशील कुमार शर्मा

मुंबई। जिला गाजियाबाद अपनी साहित्यिक विरासत के लिए जाना जाता है, अब एक और गौरवशाली अध्याय लिख रहा है। शहर के जाने-माने कवि और गजलकार, नित्यानंद तुषार, ने अपनी कलम का जादू हिंदी सिनेमा और संगीत जगत में बिखेरना शुरू कर दिया है। हाल ही में लॉस एंजिल्स के प्रतिष्ठित संगीत लेबल 'सुर म्यूजिक' के भव्य लॉन्च इवेंट ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया, जहाँ उनकी दिल छू लेने वाली गजल को पद्मश्री ए. हरिहरन और उभरती गायिका सोहिनी डे ने अपनी मधुर आवाज़ दी है। मुंबई के जेडब्ल्यू मैरियट होटल में हुए इस समारोह में बॉलीवुड और संगीत जगत की कई नामचीन हस्तियाँ मौजूद थीं।

दिग्गजों की मौजूदगी में लॉन्च हुई गज़ल 

'सुर म्यूजिक' का लॉन्च इवेंट अपने आप में एक भव्य समारोह था, जिसमें संगीत के दिग्गज जैसे पद्मविभूषण पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, पद्मश्री हरिहरन, जावेद अली, रूप कुमार राठौड़, सुनाली राठौड़ और जाने-माने पटकथा लेखक रूमी जाफरी ने अपनी उपस्थिति से चार चाँद लगा दिए। महाराष्ट्र के संस्कृति मंत्री आशीष शेलार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। इसी मंच से 'सुर म्यूजिक' ने अपनी पहली पेशकश के रूप में नित्यानंद तुषार की खूबसूरत गजल "याद आती है मुझे अब भी मोहब्बत तेरी" को दुनिया के सामने पेश किया। इस गाने का शानदार वीडियो हसनैन हैदराबादवाला ने निर्देशित किया है और यह सभी प्रमुख डिजिटल प्लेटफार्मों पर उपलब्ध है। गाने की रिकॉर्डिंग मुंबई के लता मंगेशकर के नाम पर स्थापित एल.एम. स्टूडियो और कृष्णा स्टूडियो में हुई है।

बुलंदशहर से बॉलीवुड तक का सफर

मूल रूप से बुलंदशहर के ग्राम देवटा में जन्मे नित्यानंद तुषार, श्री कांति प्रसाद शर्मा के सुपुत्र हैं, जो उत्तर प्रदेश सरकार में उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। गाजियाबाद के प्रताप विहार में एक लंबा समय बिताने के बाद, अब वे मुंबई को अपना ठिकाना बना चुके हैं। उनका यह सफर, कविता के प्रति उनके अटूट समर्पण और लगन का प्रतीक है, जिसने उन्हें साहित्य से लेकर सिनेमा तक एक अनूठी पहचान दिलाई है।

बॉलीवुड में नित्यानंद तुषार की बढ़ती ख्याति

यह वाकई खास बात है कि एक अंतर्राष्ट्रीय संगीत लेबल 'सुर म्यूजिक' ने अपने पहले गाने के लिए नित्यानंद तुषार जैसे सशक्त गीतकार को चुना। यह उनके लेखन की गहराई और सार्वभौमिक अपील को दर्शाता है। इससे पहले भी उनकी एक और मार्मिक गजल "मैंने कुछ समझा नहीं था, तुमने कुछ सोचा नहीं" को मशहूर संगीतकार शमीरा टंडन के निर्देशन में गायिका निकिता गांधी ने अपनी आवाज़ दी थी। ज़ी म्यूजिक कंपनी द्वारा नवंबर 2023 में रिलीज़ हुए इस गीत ने खूब वाहवाही बटोरी और रेड एफएम की 'टॉप इंडी ग़ज़ल 2023' सूची में इसे पहला स्थान मिला। नित्यानंद तुषार अब बॉलीवुड के कई अन्य बड़े संगीतकारों के साथ भी काम कर रहे हैं, जो जल्द ही उनकी नई रचनाओं को दर्शकों तक पहुँचाएंगे।

साहित्य जगत में एक बड़ा नाम

नित्यानंद तुषार केवल बॉलीवुड तक ही सीमित नहीं हैं; साहित्य जगत में उनका एक समृद्ध योगदान है। उनके कई गजल संग्रह जैसे 'दूरियों के दिन', 'सितम की उम्र छोटी है', 'वो ज़माने अब कहां', 'अगर साथ दो', 'खुद ब खुद', 'हम कहां हैं' और 'तेरे बगैर' प्रकाशित हो चुके हैं। उन्होंने अनेक संकलनों का संपादन भी किया है। वे आकाशवाणी दिल्ली, मुंबई, लखनऊ और दूरदर्शन के राष्ट्रीय चैनल डीडी 1 पर अनगिनत बार काव्य पाठ कर चुके हैं। उनकी रचनाएँ देश की नामी गिरामी साहित्यिक पत्रिकाओं जैसे कादम्बिनी, सरिता, साप्ताहिक हिंदुस्तान, हंस, साहित्य अमृत और प्रतिष्ठित समाचार पत्रों जैसे दैनिक जागरण, अमर उजाला, हिंदुस्तान में नियमित रूप से प्रकाशित होती रही हैं। सिविल इंजीनियरिंग में बी.ई. डिग्रीधारी होने के बावजूद, उन्होंने अपनी रचनात्मकता से साहित्य और कला के क्षेत्र में एक अमिट छाप छोड़ी है।

इस नई प्रतिभा को भी मिला मंच

नित्यानंद तुषार की इसी गजल से सुश्री सोहिनी डे ने भी बॉलीवुड में अपना डेब्यू किया है। उन्होंने हरिहरन के साथ इस गजल को गाया है। 'सुर म्यूजिक' की स्थापना संगीतकार राजीव महावीर और यूएसए की उद्यमी सुवर्णा पप्पू ने की है। इस लेबल का मुख्य उद्देश्य भारतीय और पश्चिमी संगीत के बीच एक सांस्कृतिक सेतु का निर्माण करना है, जिससे दोनों उद्योगों की प्रतिभाओं को वैश्विक मंच मिल सके।




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