वाराणसी में HIV का खौफनाक फैलाव: छात्रों में तेज़ी से बढ़ रहे मामले, बेकाबू हुई 'सेक्स की लत'!

विभु मिश्रा

वाराणसी। धर्मनगरी वाराणसी से एक बेहद चौंकाने वाली और चिंताजनक खबर सामने आई है। शिक्षा के केंद्र बन चुके इस शहर में अब HIV संक्रमण तेजी से अपने पैर पसार रहा है, और इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित युवा और छात्र-छात्राएं हो रहे हैं। पिछले तीन महीनों में अकेले दीनदयाल राजकीय अस्पताल के एआरटी सेंटर में 56 नए एचआईवी संक्रमित मरीज मिले हैं, जिनमें से करीब 20 युवा हैं और इनमें भी 15 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। यह आंकड़ा न केवल स्वास्थ्य विभाग के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए खतरे की घंटी है।

असुरक्षित यौन संबंध बना बड़ी वजह

इन एचआईवी संक्रमित छात्र-छात्राओं में ज्यादातर ऐसे हैं जो शहर के विश्वविद्यालयों में स्नातक की पढ़ाई कर रहे हैं या फिर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दूसरे शहरों से वाराणसी आए हैं। डॉक्टरों की मानें तो, इन संक्रमणों के पीछे मुख्य वजह असुरक्षित यौन संबंध और सेक्स की लत में की गई गलतियां हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि संक्रमित होने वालों में लड़कों की संख्या अधिक है। कुछ युवा ऐसे भी हैं जो नशाखोरी के दौरान एक ही सिरिंज का इस्तेमाल कर संक्रमण की चपेट में आए।

लगातार बढ़ रहे हैं आंकड़े

दीनदयाल अस्पताल के एआरटी सेंटर की चिकित्साधिकारी डॉ. प्रीति अग्रवाल ने बताया कि अप्रैल में 22, मई में 20 और जून में 14 नए मामले सामने आए हैं। यह दिखाता है कि संक्रमण का फैलाव लगातार जारी है। सेंटर में प्रतिदिन मरीजों की जांच और काउंसलिंग की जा रही है, और रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर तुरंत दवाएं दी जा रही हैं। डॉ. अग्रवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि एचआईवी अब लाइलाज बीमारी नहीं है, समय पर इलाज और दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

क्या है समाधान?

यह स्थिति गंभीर आत्मनिरीक्षण की मांग करती है। छात्रों और युवाओं में यौन शिक्षा और एचआईवी/एड्स जागरूकता कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर चलाने की तत्काल आवश्यकता है। उन्हें असुरक्षित यौन संबंधों के खतरों और नशीली दवाओं के सेवन से होने वाले जोखिमों के बारे में विस्तार से बताया जाना चाहिए। साथ ही, जांच और काउंसलिंग सुविधाओं को और सुलभ बनाया जाना चाहिए ताकि कोई भी बिना झिझक अपनी जांच करा सके और समय पर इलाज शुरू कर सके। इस भयानक बीमारी को फैलने से रोकने के लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर प्रयास करना होगा।





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