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विभु मिश्रा
नई दिल्ली। अब UPI से हर घंटे बैलेंस चेक करने और बार-बार पेमेंट स्टेटस देखने वालों को झटका लग सकता है। 1 अगस्त से UPI इस्तेमाल करने के कुछ पुराने तरीके अब नहीं चलेंगे, क्योंकि NPCI (भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम) ने सिस्टम पर लोड घटाने और स्पीड बढ़ाने के लिए कई नए नियम लागू कर दिए हैं। उधर ICICI बैंक ने भी ग्राहकों को तगड़ा झटका देते हुए UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज वसूलना शुरू कर दिया है। कहने का मतलब साफ है कि अब डिजिटल पेमेंट में भी लिमिट का ज़माना आ गया है।
अब बैलेंस चेक की लिमिट
अगर आप दिन में 10 बार बैलेंस चेक करते हैं, तो अब थोड़ा रुकना पड़ेगा, क्योंकि अब आप एक दिन में केवल 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकते हैं। साथ ही, ट्रांजैक्शन हिस्ट्री भी 25 बार ही देख सकते हैं। यानी "हर पेमेंट के बाद बैलेंस दिखाओ" वाली आदत अब बदलनी पड़ेगी। अब बैलेंस अपडेट वही ऐप स्क्रीन पर दिखाएगा, दोबारा चेक करने की ज़रूरत नहीं होगी।
पेमेंट स्टेटस पर भी ब्रेक
कई बार हम पेमेंट करने के बाद "सक्सेसफुल हुआ या नहीं?" ये देखने के लिए बार-बार स्टेटस चेक करते हैं। लेकिन अब NPCI ने इसमें भी ब्रेक लगा दिया है। आप दिनभर में केवल 3 बार पेमेंट स्टेटस देख सकते हैं, और हर बार के बीच कम से कम 90 सेकंड का गैप जरूरी होगा। मतलब, UPI अब कहेगा "थोड़ा रुकिए, हमें भी सांस लेने दीजिए।"
ICICI ने शुरू किया चार्ज
अब बात करें सबसे बड़े झटके की तो ICICI बैंक ने UPI ट्रांजैक्शन पर चार्ज वसूलना शुरू कर दिया है। हालांकि यह चार्ज आम लोगों से नहीं, बल्कि मर्चेंट्स और पेमेंट एग्रीगेटर्स से लिया जाएगा। यदि पेमेंट एग्रीगेटर का ICICI में खाता है तो 0.02% (अधिकतम ₹6) चार्ज लगेगा, और अगर नहीं है तो 0.04% (अधिकतम ₹10) तक चार्ज देना होगा। इससे ऑनलाइन दुकानदारों और बिजनेस पर सीधा असर होगा, जो इनका खर्च अब ग्राहकों से वसूल सकते हैं।
अब क्यों बदले गए ये नियम?
NPCI के अनुसार, बढ़ते UPI ट्रैफिक की वजह से सिस्टम पर भारी लोड आ रहा था। ऐसे में फालतू की बैलेंस रिक्वेस्ट और बार-बार स्टेटस चेक से नेटवर्क धीमा हो रहा था। इसलिए अब "जरूरत के हिसाब से यूज़ करो" वाली नीति अपनाई गई है।
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