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46 साल पुरानी सेवा पर पूर्णविराम
रजिस्टर्ड पोस्ट सेवा का इस्तेमाल सरकार, अदालत, शैक्षणिक संस्थानों, और आम नागरिकों द्वारा दस्तावेज़ भेजने के लिए दशकों से होता आया है। यह सेवा 1970 के दशक से शुरू हुई थी और लंबे समय तक विश्वसनीय डिलीवरी का पर्याय रही। समय के साथ डिजिटल तकनीक और निजी कोरियर सेवाओं के प्रसार ने इसकी उपयोगिता को सीमित कर दिया था।
अब केवल स्पीड पोस्ट का विकल्प
डाक विभाग ने साफ कर दिया है कि 1 सितंबर 2025 से सभी सरकारी और निजी पत्राचार, जिनमें कानूनी नोटिस, नियुक्ति पत्र, अनुबंध आदि शामिल हैं, केवल स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजे जा सकेंगे। विभाग का कहना है कि इससे ट्रैकिंग अधिक सटीक, डिलीवरी तेज़ और लॉजिस्टिक्स प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
सेवा बंद होने से महंगा होगा विकल्प
रजिस्ट्री सेवा की शुरुआती दर ₹25.96 थी जबकि स्पीड पोस्ट की न्यूनतम दर ₹41 है। इस बदलाव से छोटे शहरों, ग्रामीण इलाकों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों पर सीधा असर पड़ेगा। लोगों को अब रजिस्ट्री की तुलना में दस्तावेज़ भेजने के लिए अधिक खर्च करना होगा।
तकनीकी और प्रशासनिक कारण
डाक विभाग के मुताबिक़, रजिस्टर्ड पोस्ट और स्पीड पोस्ट दोनों समान उद्देश्य की सेवाएं हैं, लेकिन इनके लिए अलग व्यवस्था, प्रशिक्षण, और संसाधन लगते हैं। इससे विभाग पर दोहरा प्रशासनिक और वित्तीय बोझ पड़ रहा था। एकीकृत सेवा से प्रक्रिया भी सरल होगी और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
संवेदनशील बदलाव, भावनात्मक जुड़ाव
इस सेवा का बंद होना केवल एक सिस्टमिक बदलाव नहीं, बल्कि कई लोगों की भावनाओं से भी जुड़ा है। रजिस्टर्ड पोस्ट कई परिवारों की सरकारी नौकरी की सूचना, अदालत से नोटिस या जीवन के किसी महत्वपूर्ण मोड़ की पहली सूचना का माध्यम रही है। यह सेवा अब केवल स्मृतियों में रह जाएगी।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
जो भी ग्राहक या संस्थान अब भी रजिस्ट्री सेवा का उपयोग करते हैं, उन्हें 1 सितंबर से पहले अपने सिस्टम को अपडेट कर लेना चाहिए। डाक विभाग की वेबसाइट और पोस्ट ऑफिस से स्पीड पोस्ट की नई गाइडलाइन उपलब्ध कराई जा रही है।
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