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विभु मिश्रा
नई दिल्ली। सहारा ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ा कदम उठाया है। 11 अगस्त को ईडी के कोलकाता जोनल ऑफिस ने गाज़ियाबाद, लखनऊ, श्रीगंगानगर और मुंबई में 9 ठिकानों पर छापेमारी की। जो मंगलवार शाम जाकर खत्म हुई। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत दर्ज मामले में हुई, जो सहारा ग्रुप की जमीन और शेयर से जुड़े लेन-देन से संबंधित है।
500 से ज्यादा एफआईआर
ईडी की जांच तीन एफआईआर पर आधारित है, जो ओडिशा, बिहार और राजस्थान पुलिस ने धारा 420 और 120B आईपीसी के तहत दर्ज की थीं। इनमें हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (HICCSL) और अन्य सहारा कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने लाखों जमा-खाताधारकों के साथ बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की। 500 से अधिक एफआईआर में से 300 से ज्यादा मामले पीएमएलए के तहत निर्धारित अपराधों से जुड़े हैं, जिनमें जबरन री-डिपॉजिट और मैच्योरिटी भुगतान से इनकार के आरोप हैं।
पोन्ज़ी स्कीम और फर्जी लेन-देन का खुलासा
जांच में सामने आया कि सहारा ग्रुप की कई इकाइयां जैसे HICCSL, SCCSL, SUMCS, SMCSL, SICCL, SIRECL, SHICL आदि पोन्ज़ी स्कीम चला रही थीं। निवेशकों और एजेंटों को ऊंचे रिटर्न और कमीशन का लालच देकर पैसे जुटाए गए। इन फंड्स को बिना किसी नियामक निगरानी के मैनेज किया गया, परिपक्वता राशि का भुगतान न करके उसे जबरन या गलत तरीके से दोबारा निवेश कराया गया, और खातों में हेराफेरी करके इन गैर-भुगतानों को छिपाया गया। इसके अलावा, समूह ने वित्तीय क्षमता न होते हुए भी नए डिपॉजिट जुटाए और एक हिस्से को संदिग्ध शेयर सौदों, बेनामी संपत्तियों और निजी खर्चों पर खर्च किया। कई संपत्तियां आंशिक नकद भुगतान पर बेची गईं, जिससे जमाकर्ताओं के अधिकारों का हनन हुआ।
पहले भी हुई बड़ी कार्रवाई
छापेमारी के दौरान ईडी ने अहम दस्तावेज, रिकॉर्ड जब्त किए और प्रमुख व्यक्तियों के बयान दर्ज किए। इससे पहले ईडी ने इस मामले में तीन प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर जारी कर सहारा ग्रुप की 707 एकड़ अंबी वैली की जमीन (मूल्य ₹1460 करोड़), 1023 एकड़ सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड की जमीन (मूल्य ₹1538 करोड़) और श्री सीमांत रॉय की पत्नी श्रीमती चंदनी रॉय की चल संपत्तियां (मूल्य ₹14.75 करोड़) जब्त की थीं। इसके अलावा, ईडी ने सहारा ग्रुप के चेयरमैन कोर मैनेजमेंट ऑफिस के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनिल वेलापरंपिल अब्राहम और लंबे समय से जुड़े प्रॉपर्टी ब्रोकर जितेंद्र प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार किया था। दोनों फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
जांच अभी जारी
ईडी ने कहा है कि सहारा ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और निवेशकों से धोखाधड़ी के इस बड़े मामले में आगे की जांच जारी है और आने वाले समय में और कार्रवाई संभव है।


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