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टहलना सबसे आसान लेकिन असरदार व्यायामों में से एक माना जाता है। किसी उपकरण या जिम की ज़रूरत नहीं, बस एक जोड़ी जूते और थोड़ी सी इच्छा शक्ति काफी है। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक नया चलन "6-6-6 वॉकिंग रूटीन" तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है। इसे दिल और दिमाग़ दोनों की सेहत के लिए लाभकारी बताया जा रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह रूटीन एक हेल्दी लाइफस्टाइल की ओर बढ़ने का आसान रास्ता बन सकता है।
क्या है 6-6-6 वॉकिंग रूटीन
6-6-6 वॉकिंग रूटीन का मतलब है रोज़ सुबह 6 बजे या शाम 6 बजे 60 मिनट वॉक करना। इसमें 6 मिनट वॉर्म अप और 6 मिनट कूल डाउन भी शामिल हैं। इसे हफ्ते में 6 दिन अपनाने की सलाह दी जा रही है। कुछ लोग इसे 6 हज़ार स्टेप्स या 6 दिनों तक लगातार चलने की बात से भी जोड़ते हैं, लेकिन ज़्यादा अहम बात यह है कि दिन में कुल 60 मिनट तक चलना चाहिए। चाहे 30 मिनट सुबह और 30 मिनट शाम को बाँट कर किया जाए।
दिल की सेहत को कैसे करता है मज़बूत
लैंसेट पब्लिक हेल्थ में छपी एक स्टडी के अनुसार, रोज़ाना 7000 कदम चलने से कैंसर, डिमेंशिया और हृदय रोगों का खतरा कम होता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि हफ़्ते में कम से कम 150 मिनट चलना ज़रूरी है, जबकि एशियाई लोगों के लिए यह समय 250 मिनट होना चाहिए। जब कोई व्यक्ति हफ़्ते में 6 दिन 60 मिनट वॉक करता है, तो यह कुल 360 मिनट बनता है जो दिल के लिए लाभकारी होता है। ब्रिस्क वॉकिंग यानी तेज़ी से चलने पर जोर दिया गया है, जिसमें दिल की धड़कन अधिक होती है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।
मेंटल हेल्थ में भी करता है मदद
सुबह या शाम खुले वातावरण में वॉक करने से मानसिक तनाव घटता है और मूड बेहतर होता है। वेलनेस विशेषज्ञ बताते हैं कि सुबह की वॉक दिनभर के लिए मानसिक ऊर्जा देती है, जबकि शाम की वॉक दिनभर के तनाव को दूर करने में मदद करती है। नियमित रूप से टहलने की आदत अच्छी नींद, बेहतर सोच और मानसिक स्थिरता में सहायक होती है।
फिजिकल एक्टिविटी और लाइफस्टाइल में सुधार
आज की सुविधाजनक लेकिन निष्क्रिय जीवनशैली में लोगों की बॉडी मूवमेंट बहुत कम हो गई है। स्क्रीन टाइम बढ़ने और लिफ्ट जैसी सुविधाओं ने चलने-फिरने की आदतें छीन ली हैं। ऐसे में 6-6-6 वॉकिंग रूटीन एक संतुलित जीवनशैली की ओर पहला क़दम हो सकता है। इसमें कोई विशेष उपकरण की ज़रूरत नहीं होती और हर उम्र का व्यक्ति इसे आसानी से अपना सकता है।
शुरुआत कैसे करें, क्या रखें ध्यान
एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि इस रूटीन को धीरे-धीरे अपनाना चाहिए। पहले दिन से ही 60 मिनट चलने की ज़रूरत नहीं है। शुरुआत 10-15 मिनट से करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं। वॉक से पहले और बाद में हल्का वॉर्म अप और कूल डाउन करें ताकि मांसपेशियों पर अचानक दबाव न पड़े। तेज़ वॉक करते हुए अपने दिल की धड़कन 60% से 70% मैक्सिमम हार्ट रेट तक रखें, जिसे फिटनेस ट्रैकर या स्मार्टवॉच की मदद से मॉनिटर किया जा सकता है।
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