गाजियाबाद में ज़मीन के नीचे छिपा था 'चमत्कार', खुदाई में निकली विशाल श्रीहनुमानजी की मूर्ति, पूजा-अर्चना शुरू
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खुदाई में निकला 'आस्था का रहस्य'
विक्रम एन्क्लेव के ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में पेड़ लगाने की तैयारी के लिए खुदाई की जा रही थी। मजदूरों को जब कुछ कठोर पत्थर जैसा महसूस हुआ, तो खुदाई गहरी की गई — और फिर प्रकट हुए श्रीहनुमानजी। मूर्ति इतनी भव्य और विशाल थी कि लोग चकित रह गए। स्थानीय निवासियों का दावा है कि यह मूर्ति हज़ारों साल पुरानी हो सकती है, और इस क्षेत्र में धार्मिक महत्व की प्राचीन विरासत छिपी हो सकती है।
चंद मिनटों में बन गया पूजा स्थल
घटना के कुछ ही समय में आरडब्ल्यूए सदस्य, कॉलोनी के वरिष्ठ नागरिक और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौके पर जमा हो गए। तुरंत एक चौतरा बनाकर मूर्ति को स्थापित कर दिया गया और विधिवत पूजा-अर्चना शुरू हो गई। श्रद्धालुओं ने नारियल, अगरबत्ती और प्रसाद चढ़ाना शुरू कर दिया, जैसे किसी मंदिर में विशेष उत्सव हो रहा हो।
पुलिस पहुंची, हालात नियंत्रण में
मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी बृजेश कुमार ने स्थिति को देखते हुए तुरंत भारी पुलिस बल तैनात कर दिया ताकि किसी तरह की अफवाह या भीड़ बेकाबू न हो। उन्होंने लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की और कहा कि यह मामला अब प्रशासन और पुरातत्व विभाग की देखरेख में जाएगा।
इतिहास या चमत्कार? पुरातत्व विभाग से मांगी जांच
स्थानीय लोगों का दावा है कि मूर्ति की बनावट, मुद्रा और सामग्री काफी प्राचीन प्रतीत होती है कुछ का तो यह भी मानना है कि यह मूर्ति 50,000 साल पुरानी हो सकती है। हालाँकि इस दावे की पुष्टि अब पुरातत्व विभाग द्वारा की जानी बाकी है। यदि यह मूर्ति वाकई प्राचीन है, तो यह गाजियाबाद के इतिहास में एक बड़ा अध्याय जोड़ सकती है।
क्या छुपा है ज़मीन के नीचे?
इस रहस्यमयी खोज के बाद अब लोग सोचने लगे हैं कि क्या विक्रम एन्क्लेव की जमीन के नीचे और भी कुछ ऐतिहासिक रहस्य छिपे हो सकते हैं? क्या यह स्थान कभी कोई धार्मिक स्थल रहा होगा? या फिर यह किसी प्राचीन सभ्यता की निशानी है? इन सवालों का जवाब आने वाले दिनों में जांच के बाद मिल सकेगा।
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