क्रॉसिंग रिपब्लिक हादसा: बिल्डर के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज, मुआवजा देने से मुकरा, पीड़ितों को दे रहा धमकी
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गाजियाबाद। क्रॉसिंग रिपब्लिक इलाके में 30 जुलाई को भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद, जहां जीडीए ने बिल्डर अंचल गुप्ता के खिलाफ पहले ही केस दर्ज करा दिया था, वहीं अब इस घटना से प्रभावित रेजिडेंट्स ने भी बिल्डर के खिलाफ एक नया मोर्चा खोल दिया है। पीड़ितों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया है कि बिल्डर ने पहले तो नुकसान की भरपाई का वादा किया, लेकिन अब वह अपने वादे से मुकर गया है और उन्हें लगातार धमकी दे रहा है। पीड़ितों ने मांग की है कि उन्हें उनकी क्षतिग्रस्त गाड़ियों का पूरा मुआवजा दिया जाए और बिल्डर के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
पीड़ितों ने लगाए बिल्डर पर गंभीर आरोप
पीड़ितों अमन, आयुष और मयंक ने पुलिस में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए बिल्डर अंचल गुप्ता पर धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि 30 जुलाई की रात तेज बारिश के बाद उनकी तीन गाड़ियां, UP 14F 7835, DL 9C AE 4861 और MP 07 GE 8381, उस विशाल गड्ढे में गिरकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं जो बिना रिटेनिंग वॉल के बेसमेंट की खुदाई के कारण बना था। शुरुआत में बिल्डर ने 100% मुआवजे का वादा किया था, लेकिन अब वह इससे मुकर गया है, जिससे पीड़ित निराश और परेशान हैं।
जीडीए ने भी की थी बिल्डर के खिलाफ शिकायत
इस भूस्खलन के बाद, जीडीए के सहायक अभियंता सुनील कुमार ने क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में बिल्डर अंचल गुप्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। खबर के अनुसार, बिल्डर ने बिना रिटेनिंग वॉल बनाए बेसमेंट की खुदाई की थी, जिससे जमीन धंस गई। जीडीए की शिकायत के आधार पर पुलिस ने बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
बिल्डर ने दी धमकी, संपर्क करने का प्रयास विफल
पीड़ितों का आरोप है कि बिल्डर अंचल गुप्ता न सिर्फ मुआवजा देने से इनकार कर रहा है, बल्कि वह उन्हें धमकी भी दे रहा है कि उसने जीडीए और नगर निगम अधिकारियों और पुलिस को रुपये देकर मामला सुलझा लिया है। वह अपने राजनीतिक रसूख का हवाला देकर पीड़ितों को डरा रहा है और जान से मारने की धमकी दे रहा है। इस मामले में जब बिल्डर अंचल गुप्ता से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई बार कॉल करने और मैसेज करने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
जीडीए और नगर निगम की लापरवाही भी उजागर
इस मामले में जीडीए और नगर निगम की लापरवाही और उदासीनता भी उजागर हुई है। यह भी बताया गया है कि अधिकारियों ने बिल्डर के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, और तो और घटना के बाद जिस इमारत को सील किया गया था, उसे अगले ही दिन कथित तौर पर हटा दिया गया। अधिकारियों की यह निष्क्रियता और मिलीभगत बिल्डर को और शह दे रही है, जिससे आम जनता को अपनी जान और माल का खतरा उठाना पड़ रहा है। पीड़ितों ने यह भी आरोप लगाया है कि इस तरह की घटनाओं के बाद अधिकारी केवल दिखावटी कार्रवाई करते हैं।
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