ब्लूमबर्ग मेयर्स चैलेंज में गूंजा गाज़ियाबाद नगर निगम का नाम, कचरा प्रबंधन पर दुनिया भर में मिली सराहना
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गाजियाबाद। कोलंबिया में आयोजित ‘ब्लूमबर्ग फिलैन्थ्रपीज मेयर्स चैलेंज 2025’ में गाज़ियाबाद नगर निगम की दो अनोखी परियोजनाएं दुनिया भर में चर्चा का विषय बनीं। 630 शहरों में से सिर्फ 50 को वैश्विक पहचान मिली, जिनमें भारत से गाज़ियाबाद का नाम भी शामिल है। यह शहर अब शहरी नवाचार और पर्यावरणीय ज़िम्मेदारी की दिशा में वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना चुका है।
कौन गए थे प्रतिनिधित्व करने
गाज़ियाबाद नगर निगम की ओर से डॉ. मिथिलेश (नगर स्वास्थ्य अधिकारी), नरेंद्र कुमार चौधरी (मुख्य अभियंता – निर्माण) और तकनीकी टीम की विशेषज्ञ तरूषी ने भाग लिया। इन्होंने दो परियोजनाएं पेश कीं:
- हाउसिंग सोसाइटीज के गीले कचरे से कंपोस्ट खाद बनाना।
- गोबर से पेंट निर्माण, जिसे स्थानीय महिलाओं की स्वयं सहायता समूह (SHG) चला रहे हैं।
इन परियोजनाओं को अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से सराहना मिली।
स्थानीय सोच को मिला वैश्विक सम्मान
इन योजनाओं का उद्देश्य विकेन्द्रित कचरा प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी से सतत विकास को बढ़ावा देना है। कई सोसायटीज में कचरे का स्त्रोत पर ही निपटान हो रहा है और कंपोस्ट खाद से पौधारोपण किया जा रहा है। गोबर से पेंट बनाने की योजना अभी प्रायोगिक चरण में है, लेकिन इसे शहरी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संयोजन का रोल मॉडल माना जा रहा है। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने कहा कि हम सिर्फ इनाम नहीं, बदलाव के लिए प्रयासरत हैं। पायलट सफल हुआ तो 10 करोड़ की राशि योजना के विस्तार के लिए मिल सकती है।
मेयर का संदेश बना प्रेरणा
महापौर सुनीता दयाल ने वीडियो संदेश भेजा, जिसमें उन्होंने गाज़ियाबाद को हराभरा और स्वच्छ बनाने की यात्रा को साझा किया। यह संदेश विश्वभर में सुना गया और स्थानीय नेतृत्व की सादगी और सोच को दर्शाता है। मेयर ने कहा कि यह सम्मान केवल प्रशासन के लिए नहीं, बल्कि हर उस नागरिक के लिए है जो गाज़ियाबाद को स्वच्छ और सतत बनाने के प्रयासों का हिस्सा है।
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