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पुलिस पिटाई में घायल पत्रकार अभिषेक पंडित
विभु मिश्रा
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने साहिबाबाद थाना पुलिस पर गंभीर टिप्पणी की है। पत्रकार अभिषेक पंडित की पिटाई और अवैध हिरासत मामले की सुनवाई में आयोग ने साफ कहा है कि यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है। आयोग ने गाज़ियाबाद पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करते हुए प्रगति रिपोर्ट 16 सितंबर तक प्रस्तुत करें।
अवैध हिरासत और मारपीट की शिकायत
पत्रकार अभिषेक पंडित ने 23 मार्च 2025 को ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई थी कि 19 मार्च की रात सब इंस्पेक्टर प्रभाकर सिंह और सौरभ गौतम ने उसे चौकी शनि चौक के बाहर और अंदर घसीटकर पीटा। इसके बाद बिना किसी वैध कारण के अवैध हिरासत में रखा गया। रात 12 बजे उसे मेडिकल परीक्षण के लिए एमएमजी जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां 12:28 बजे जांच हुई। जांच के बाद भी पुलिस ने उसे साहिबाबाद थाने की हवालात में डाल दिया।
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| आरोपी दरोगा |
झूठा रिकॉर्ड और खुली पोल
पुलिस ने कागज़ों में गिरफ्तारी 20 मार्च को दोपहर 12:30 बजे लाजपत नगर से दिखायी। लेकिन आयोग के समक्ष पेश रिपोर्ट और अभिलेखीय साक्ष्यों से साफ हुआ कि अभिषेक रात से ही पुलिस की गिरफ्त में था। सहायक पुलिस आयुक्त श्वेता कुमारी यादव ने आयोग के सामने खुद स्वीकार किया कि पत्रकार पहले से हिरासत में था।
आयोग के सख्त निर्देश
सुनवाई के दौरान आयोग ने पूछा कि 20 मार्च की रात 12:28 बजे मेडिकल जांच के बाद से लेकर दोपहर 12:30 बजे तक अभिषेक कहां था। जवाब मिला कि वह पूरी अवधि में हवालात में बंद था। इस आधार पर आयोग ने इसे मानवाधिकार उल्लंघन मानते हुए गाज़ियाबाद पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें और रिपोर्ट 16 सितंबर तक प्रस्तुत करें। अगली सुनवाई 17 सितंबर को तय की गई है।
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स्थान:
India
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टिप्पणियाँ

Good story bro 👍
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