बच्चों से बुजुर्ग तक, हर किसी को सिखाया डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने का मंत्र

विभु मिश्रा
गाजियाबाद। "एक क्लिक आपकी कमाई साफ कर सकता है!" इसी गंभीर सच्चाई को सामने लाते हुए गाजियाबाद पुलिस ने क्रॉसिंग रिपब्लिक की GH7 सोसाइटी में रविवार को साइबर अवेयरनेस ड्राइव चलाई। इस अभियान की कमान संभाली ACP प्रियांशी पाल और SHO सरिता मलिक ने। साथ में मौजूद थी साइबर सेल की अनुभवी टीम, जिसने हकीकत की तरह दिखाया कि कैसे ठग मिनटों में आपकी जेब खाली कर सकते हैं।

ऑनलाइन ठगों की नई चालें

ACP प्रियांशी पाल ने बताया कि अब साइबर अपराध सिर्फ OTP या लॉटरी स्कैम तक सीमित नहीं रहा। आज ठग हर उस डिजिटल रास्ते से वार कर रहे हैं, जहां लोग असावधानी दिखाते हैं। उन्होंने ताज़ा मामलों का ज़िक्र करते हुए लोगों को इन स्कैम्स से सतर्क किया:

  • फर्जी नौकरी के ऑफर
  • OLX और मार्केटप्लेस पर ठगी
  • QR कोड स्कैम
  • सोशल मीडिया पर प्रोफाइल बनाकर इम्पर्सोनेशन
  • बिजली बिल या फास्टैग वेरिफिकेशन के नाम पर लिंक भेजकर ठगी

उन्होंने कहा कि साइबर ठग अब अकेले नहीं, पूरे गिरोह बनाकर काम करते हैं। आपकी सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है।



बच्चे और बुजुर्ग सबसे आसान टारगेट

SHO सरिता मलिक ने बताया कि साइबर ठगी में अब सिर्फ तकनीकी अनभिज्ञ लोग ही नहीं, बल्कि पढ़े-लिखे और डिजिटल रूप से जागरूक लोग भी फंस रहे हैं। उन्होंने डिजिटल सुरक्षा के 5 मंत्र साझा किए:

  1. हर प्लेटफॉर्म पर अलग और मजबूत पासवर्ड रखें
  2. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ज़रूर लगाएं
  3. पब्लिक Wi-Fi से फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन न करें
  4. ऐप्स और सॉफ्टवेयर समय पर अपडेट करें
  5. किसी भी अनजान कॉल या मैसेज पर अपनी जानकारी न दें
  6. बच्चों और बुज़ुर्गों को डिजिटल फ्रॉड से बचने के लिए विशेष जागरूकता की जरूरत

लाइव डेमो ने खोली आंखें

साइबर टीम ने लाइव डेमो दिया कि कैसे एक सामान्य मैसेज से शुरुआत होती है और फिर कैसे एक लिंक या कॉल से पूरा अकाउंट खाली हो जाता है। लोगों को 1930 साइबर हेल्पलाइन नंबर और National Cyber Crime Portal (cybercrime.gov.in) के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

डिजिटल सेफ्टी एंबेसडर की पहल

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं और बुज़ुर्गों ने हिस्सा लिया। कुछ प्रतिभागियों ने समाज में जागरूकता फैलाने के लिए "डिजिटल सेफ्टी एंबेसडर" बनने की इच्छा जताई। सोसायटीवासियों ने इस दौरान कहा कि पुलिस का यह प्रयास काबिल-ए-तारीफ है। ऐसे कार्यक्रम हर सोसाइटी में होने चाहिए।



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