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विभु मिश्रा
गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन अब सिर्फ आवासीय इलाका नहीं, बल्कि हर शाम ट्रैफिक जाम का जटिल नज़ारा बन गया है। रिवर हाइट्स चौराहा से मोरटा कट तक का छोटा सफर भी आधे घंटे या उससे ज्यादा समय ले रहा है। स्थानीय निवासी लगातार परेशान हैं और उनकी रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है।
स्थानीय निवासियों की परेशानी
स्थानीय लोग बताते हैं कि शाम के समय एक्सटेंशन के मुख्य मार्ग, एलिवेटेड रोड, मेरठ रोड तिराहा, वीवीआईपी कट आदि अनेक जगहों पर वाहनों की भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि आधा किलोमीटर का सफर कभी-कभी 30–40 मिनट में तय होता है। रिवर हाइट्स में रहने वाले सौरभ त्यागी के मुताबिक “ऑफिस से लौटते समय एक्सटेंशन का छोटा सा सफर भी हमें रोजाना थका देता है और देर से घर पहुंचना आम बात हो गई है।” ऑफिसर सिटी 2 निवासी माही गुप्ता का कहना है कि ये जाम का झाम अब राजनगर एक्सटेंशन के रेजिडेंट्स के लिया बड़ा सिरदर्द बन चुका है। पीक आवर में तो हालात बेकाबू हो जाते हैं।
जाम के मुख्य कारण
स्थानीय निवासियों के अनुसार जाम की वजहें कई हैं:
संकरी सड़क और कट्स की अनियोजना: कई कट्स बिना किसी योजना के बने हैं, जिससे वाहन अक्सर उल्टी दिशा में मुड़ते हैं और जाम बढ़ता है।
अवैध पार्किंग और टूटी सड़कें: मॉल्स, फार्म हाउस के बाहर बनी अवैध पार्किंग, दुकानों, अपार्टमेंट्स के बाहर बेतरतीब खड़ी गाड़ियां और टूटी सड़कें जाम का मुख्य कारण है। इससे मार्ग और संकरी हो जाती है।
सर्विस लेन का अभाव: छोटी और बड़ी गाड़ियां सीधे मुख्य मार्ग पर आती हैं, जिससे ट्रैफिक रफ्तार धीमी हो जाती है।
नियमों की अनदेखी: कई चालक ट्रैफिक सिग्नल, लेन और दिशा का पालन नहीं करते, जिससे ट्रैफिक और अधिक उलझता है।
पीक आवर्स का दबाव: शाम को दिल्ली और नोएडा से आने वाले वाहनों की संख्या अचानक बढ़ जाती है और मुख्य मार्ग पर भारी दबाव पड़ता है।
आपात सेवाओं पर असर
स्थानीय निवासी यह भी बताते हैं कि कई बार एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी जाम में फंस जाती हैं। ऐसे समय में आपात सेवा में देरी जानलेवा साबित हो सकती है। यह समस्या केवल असुविधा नहीं बल्कि सुरक्षा खतरे को भी दर्शाती है।
प्रशासन की पहल
ट्रैफिक विभाग और प्रशासन अब इस समस्या से राजनगर एक्सटेंशनवासियों को छुटकारा दिलाने का दावा कर रहे हैं। इसके तहत पीक आवर्स में अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती, अवैध पार्किंग पर सख्ती और उन्हें हटाने तथा अवैध कट्स को बंद करने की योजना है। जीडीए भी बारिश बाद सड़कों के गड्ढों को दुरुस्त करने की बात कह रहा है। स्थानीय रेजिडेंट्स का सुझाव हैं कि क्षेत्र में स्मार्ट ट्रैफिक लाइट्स और सीसीटीवी निगरानी लगाई जाए, सर्विस लेन बनाई जाए और नागरिकों को नियमों के पालन के लिए जागरूक किया जाए। यदि ये उपाय सही तरीके से लागू किए गए तो आने वाले समय में राजनगर एक्सटेंशन का ट्रैफिक सुचारु और सुरक्षित हो सकता है।
सुझाव और उम्मीद
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन के प्रयासों के साथ-साथ नागरिकों का सहयोग जरूरी है। यदि लोग पार्किंग नियमों का पालन करें और ट्रैफिक नियमों का सम्मान करें, तो जाम कम किया जा सकता है। राजनगर एक्सटेंशन के विकास के साथ ट्रैफिक का स्मार्ट नियोजन ही इसे सुरक्षित और सुचारु बनाये रख सकता है।
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टिप्पणियाँ


दुखद है, GDA के पास इस जाम से लोगों को राहत देने का कोई plan दिखाई नहीं देता
जवाब देंहटाएंSituation becomes worst day by day. Traffic Police always on sleeping mode. Government, administration, nagar nigam and GDA useless working. RNE become dump yard
जवाब देंहटाएंGDA NE BAHUT POOR PLANNING SE RNE KO BANAYA HAI. NO SERVICE ROAD. ENCROACHMENT ON ROADS. NO CLEANING OF ROADS, DRAINAGE BLOCKED. GDA IS WORST DEVELOPEMENT BODY.
जवाब देंहटाएंare GDA walon kuch nahi kar sakte at least roads ki safai toh karva do. Har jagah gandagi hai. No safai. Nale Naliya sab band hai. Konsa vikas hai ye???
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