मिग्सन रूफ: चार साल बाद भी नहीं बना सीवेज सिस्टम, लोगों ने कहा- ये तो नरक है, घर नहीं!

विभु मिश्रा 

गाजियाबाद। राजनगर एक्सटेंशन की मिग्सन रूफ सोसायटी सीवेज की समस्या से बुरी तरह जूझ रही है। चार साल बीत गए, लेकिन आज तक सीवेज लाइन की कोई व्यवस्था नहीं की गई। हालात इतने खराब हैं कि गंदा पानी सीधा सोसायटी के आसपास के खेतों में बहाया जा रहा है। नतीजा – खेत बर्बाद, पर्यावरण खतरे में और लोगों की ज़िंदगी नरक जैसी हो चुकी है।

किसानों की ज़मीन और पर्यावरण हो रहा बर्बाद

सोसायटी का सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम न होने के कारण गंदा पानी खुले में बहाया जा रहा है। स्थानीय किसानों का कहना है कि इससे उनकी फसलें खराब हो रही हैं और मिट्टी की उर्वरता खत्म होती जा रही है।

बिल्डर ने दिया सिर्फ आश्वासन

अनूप पांडे ने बताया, “पजेशन के समय कहा गया था कि जल्द ही सीवेज सिस्टम चालू हो जाएगा, लेकिन आज चार साल हो गए कुछ नहीं हुआ। सिर्फ वादे और बहाने मिलते हैं।”

सनी तेवतिया ने कहा, “बिल्डर को कई बार बताया, लेकिन हर बार यही जवाब मिलता है - जल्द करवा देंगे। अब तो जवाब देना भी बंद कर दिया है।”

विशाल पांडे का कहना है, “यह न सिर्फ सोसायटी की समस्या है, बल्कि पूरे इलाके के पर्यावरण का मुद्दा बन चुका है। ये सीधा पब्लिक हेल्थ से जुड़ा मसला है।”

मेंटेनेंस मैनेजर रवि शर्मा पर भी भड़के लोग

लोगों ने मेंटेनेंस मैनेजर रवि शर्मा पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं।विक्रम शर्मा ने कहा, “मेंटेनेंस मैनेजर रवि शर्मा को कॉल करो तो फोन नहीं उठाता। और अगर उठा भी ले तो सिर्फ टालने की कोशिश करता है। चार साल में एक समाधान नहीं दे पाया।”

मनोज भारत बोले, “मेंटेनेंस टीम नाम की कोई चीज़ नहीं है। रवि शर्मा से बात करो तो वही रटा-रटाया जवाब ‘जल्द हो जाएगा’। मगर कुछ नहीं होता।”

आर.के. मौर्य ने कहा, " जनता परेशान है, और ये लोग बेशर्मी से कुर्सी पर बैठे हैं। बदबू के कारण यहां जीना दुश्वार हो गया है।”

सरकार और प्रशासन से मांग

अमित पाण्डेय ने कहा, “अब हम लोगों के पास कोई और रास्ता नहीं बचा। हम चाहते हैं कि प्रशासन इस पर तत्काल संज्ञान ले और बिल्डर व मेंटेनेंस टीम पर कड़ी कार्रवाई हो।”

सचेतन बोले, “ये सिर्फ सुविधा का सवाल नहीं, अब ये सम्मान और सेहत का सवाल है। प्रशासन अगर इस पर अब भी चुप रहा तो हालात और बिगड़ेंगे।”

अजय मिश्रा ने कहा, “हम लोग टैक्स दे रहे हैं, मेंटेनेंस चार्ज दे रहे हैं, तो फिर बदले में ये गंदगी क्यों मिल रही है?”

दिलीप ने तीखा सवाल उठाया, “बिल्डर के खिलाफ केस क्यों नहीं दर्ज हो रहा? आखिर क्यों गाजियाबाद जैसे शहर में सीवर की इतनी बड़ी लापरवाही सहन की जा रही है?”




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