नरेंद्र मोदी से ‘वोट की चोट’ से बदला लेगा किसान, पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को राजकीय सम्मान न देने पर भड़के किसान
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विभु मिश्रा
गाजियाबाद। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय प्रेस प्रभारी शमशेर राणा ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को राजकीय सम्मान न दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम किसानों और जाट समुदाय के एक बड़े नेता का जानबूझकर अपमान है। राणा ने चेतावनी दी कि किसान इस अपमान का बदला आने वाले चुनावों में ‘वोट की चोट’ से लेंगे।
किसान नेताओं का अपमान
शमशेर राणा ने कहा कि सत्यपाल मलिक, जो एक किसान नेता और चार राज्यों के राज्यपाल रहे, को उनकी अंतिम यात्रा में राजकीय सम्मान नहीं दिया गया। राणा ने इसे किसान और जाट समुदाय के एक बड़े नेता को गुमनाम करने की सोची-समझी साजिश बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्तिगत रंजिश के चलते प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है। इस घटना से नाराज़ किसान अब हर गांव और चौपाल पर एकजुट हो रहे हैं, जिनका एक ही नारा है - "नरेंद्र मोदी से सत्यपाल मलिक के अपमान का बदला वोट की चोट से लेगा किसान।"
किसान आंदोलन का किया था समर्थन
राणा ने सत्यपाल मलिक के कुछ प्रमुख बयानों का ज़िक्र करते हुए बताया कि मलिक ने किसानों और सैनिकों के हित में कई बार प्रधानमंत्री मोदी से सीधी बात की थी, लेकिन उनकी बातों को अनसुना कर दिया गया। राणा ने 2021 के पुलवामा हमले का भी उल्लेख किया, जब मलिक ने कहा था कि यह सरकार की गलती से हुआ है। इसके अलावा, मलिक ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में चले किसान आंदोलन का भी समर्थन किया था और मोदी सरकार के समक्ष किसानों का पक्ष रखा था। राणा ने कहा कि जब मलिक अस्पताल में भर्ती थे, तब उनके घर पर ईडी के छापे मारे गए।
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